महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद: अजित पवार के बयान पर सीएम बोम्मई ने दी प्रतिक्रिया, कहा- राजनीतिक रूप से जीवित रहने के लिए भाषा को बनाया बोगी
By मनाली रस्तोगी | Published: May 2, 2022 01:22 PM2022-05-02T13:22:37+5:302022-05-02T13:24:05+5:30
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने महाराष्ट्र दिवस के मौके पर कहा था कि हमें अभी भी खेद है कि बेलगाम, निपाई और कारवार सहित राज्य की सीमा पर कई मराठी भाषी गांव अभी तक हमारे राज्य का हिस्सा नहीं बन सके। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम इन गांवों के लोगों द्वारा महाराष्ट्र का हिस्सा बनने की लड़ाई का समर्थन करते रहेंगे। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पवार के इस बयान पर प्रतिक्रिया दी है।
बेंगलुरु:महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच जारी सीमा विवाद एक बार फिर से तूल पकड़ रहा है। ऐसे में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के उस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए दिखे जिसमें पवार ने कहा था कि उन्हें खेद है कि बेलगाम, निपाई और कारवार सहित राज्य की सीमा पर कई मराठी भाषी गांव अभी तक महाराष्ट्र का हिस्सा नहीं बन सके। यह बयान पवार ने रविवार को महाराष्ट्र दिवस के मौके दिया था।
The border issue is very clear, we stand firmly by our decisions & they also know it. I strongly urge the politicians of Maharashtra not to use this language bogey in their political acts: Karnataka CM Basavaraj Bommai pic.twitter.com/JrxR7on1PI
— ANI (@ANI) May 2, 2022
अपनी बात को जारी रखते हुए अजित पवार ने ये भी कहा था कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम इन गांवों के लोगों द्वारा महाराष्ट्र का हिस्सा बनने की लड़ाई का समर्थन करते रहेंगे। वहीं, पवार के इस बयान का बोम्मई ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब भी महाराष्ट्र में कोई राजनीतिक संकट होता है और अभी भी हो रहा है है, तो उनकी पूरी सरकार चरमरा जाती है। उन्होंने राजनीतिक रूप से जीवित रहने के लिए अब इस भाषा को बोगी बना दिया है। सीमा मुद्दा बहुत स्पष्ट है, हम अपने फैसलों पर मजबूती से खड़े हैं और वे भी इसे जानते हैं।
इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि मैं महाराष्ट्र के राजनेताओं से दृढ़ता से आग्रह करता हूं कि वे अपने राजनीतिक कृत्यों में इस भाषा का प्रयोग न करें। बता दें कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद काफी समय से चलता चला आ रहा है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार बेलगावी, खानापुर, निप्पानी, नंदगाड और कारवार (उत्तरी कन्नड़ ज़िले) की सीमा को लेकर दोनों राज्यों के बीच में विवाद है। यही नहीं, महाराष्ट्र के कुछ नेताओं ने साल 1956 में भाषाई आधार राज्यों के पुनर्गठन के दौरान मराठी भाषी बेलगावी सिटी, खानापुर, निप्पानी, नांदगाड और कारवार को महाराष्ट्र का हिस्सा बनाने की मांग की थी।