Karnataka Assembly Elections 2023: लिंगायत आरक्षण के लिए आंदोलन करने वाले मृत्युंजय स्वामी ने कहा, "चुनाव बाद कोई सरकार आये, लिंगायतों के आरक्षण वृद्धि की मांग जारी रहेगी"
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 7, 2023 04:31 PM2023-05-07T16:31:39+5:302023-05-07T16:38:33+5:30
भाजपा और कांग्रेस के बीच चल रहे लिंगायत सियासत में कुदालसंगम पंचमसाली पीठ के संत बसवजया मृत्युंजय स्वामी ने कहा कि वह लिंगायत समुदाय के लिए आरक्षण में वृद्धि किए जाने पर जोर देते रहेंगे भले ही 10 मई के बाद कोई भी राजनीतिक दल सत्ता में आए।
बेलगावी: कर्नाटक चुनाव के मद्देनजर भाजपा और कांग्रेस के बीच लिंगायत समुदाय को लेकर हो रही सियासत में कुदालसंगम पंचमसाली पीठ के संत बसवजया मृत्युंजय स्वामी ने कहा कि वह लिंगायत समुदाय के लिए आरक्षण में वृद्धि किए जाने पर जोर देते रहेंगे भले ही 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद कोई भी राजनीतिक दल सत्ता में आए।
उन्होंने कहा कि सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली 2013 से 2018 तक चलने वाली पूर्ववर्ती सरकार ने केंद्र से जैन और बौद्ध धर्म की तर्ज पर लिंगायत समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की सिफारिश की थी, लेकिन केंद्र सरकार ने प्रस्ताव को न तो स्वीकार किया और न ही खारिज किया।
स्वामी ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि केंद्र सरकार जल्द ही लिंगायतों को भी अलग से अल्पसंख्यक दर्जा देगी।’’ उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में 3बी से 2ए में शक्तिशाली लिंगायत समुदाय के सबसे बड़े उप-संप्रदाय पंचमशालियों के वर्गीकरण की मांग को लेकर 32 महीने तक चले आंदोलन का नेतृत्व किया था। चूंकि 2ए के तहत यह वर्गीकरण करना संभव नहीं था, इसलिए बोम्मई सरकार ने एक नई '2डी' श्रेणी बनाई और दो प्रतिशत अधिक आरक्षण प्रदान किया था। जिससे लिंगायतों के लिए कुल आरक्षण सात प्रतिशत हो गया था।
राज्य में आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक स्थिति के आधार पर ओबीसी की चार श्रेणियां-2ए, 2बी, 3ए और 3बी हैं। इन समुदायों को श्रेणियों के आधार पर नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण मिलता है। 2ए में सर्वाधिक पिछड़ों के लिए आरक्षण का प्रावधान है, जबकि 2बी मध्यम और उनसे थोड़ा ऊपर 3ए तथा 3बी हैं। कर्नाटक में लिंगायतों की आबादी करीब 17 फीसदी है। पीटीआई से बात करते हुए मृत्युंजय स्वामी ने कहा, "वर्तमान स्थिति में, हमें कुछ न्याय मिला है। हम सरकार के फैसले से संतुष्ट हैं। यह हमारे विरोध की पहली जीत है।" उन्होंने कहा कि 2ए पर उच्च न्यायालय से स्थगन था, जो इस शर्त पर हटाया गया था कि इसमें और समुदायों को शामिल नहीं किया जाएगा।
मृत्युंजय स्वामी ने आगे कहा कि इस कारण से बोम्मई सरकार को लिंगायतों के लिए दो प्रतिशत अतिरिक्त आरक्षण प्रदान करने के वास्ते एक नई श्रेणी '2डी' बनानी पड़ी। स्वामी ने दावा किया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप से किया गया क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एहसास हो गया था कि यदि मांग नहीं मानी गई तो पार्टी को विधानसभा चुनाव में बड़ा झटका लग सकता है। यह पूछे जाने पर कि सत्ता में नई सरकार के आने पर क्या वह लिंगायतों के लिए आरक्षण में वृद्धि की मांग करेंगे, स्वामी ने उत्तर दिया, "निश्चित रूप से।"
उन्होंने कहा, "हमें 2डी के तहत सात फीसदी आरक्षण मिला है। जो भी राजनीतिक दल सत्ता में आएगा, मैं 50 फीसदी के दायरे में सात फीसदी कोटा बढ़ाने के लिए दबाव बनाऊंगा।" यह उल्लेख करते हुए कि पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की "भ्रष्ट लिंगायत मुख्यमंत्री" वाली टिप्पणी ने समुदाय को बुरी तरह से आहत किया है।
लिंगायत स्वामी ने कहा कि हालांकि कांग्रेस नेता ने स्पष्टीकरण जारी किया है कि उन्होंने लिंगायतों का अपमान नहीं किया, लेकिन फिर भी उनके बयान से समुदाय में अनेक लोग आहत हुए हैं। सिद्धरमैया ने कहा था कि वह केवल मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई का जिक्र कर रहे थे, जो लिंगायत हैं। कर्नाटक विधानसभा के लिए 10 मई को मतदान होगा और मतों की गिनती 13 मई को की जाएगी।