जगदीश शेट्टार ने बीएल संतोष पर बीजेपी हाईकमान द्वारा टिकट कटवाने का आरोप लगाया

By अनुभा जैन | Published: April 19, 2023 12:53 PM2023-04-19T12:53:00+5:302023-04-19T14:12:43+5:30

Karnataka Assembly Election Jagadish Shettar accuses BL Santosh of getting ticket denied by BJP high command | जगदीश शेट्टार ने बीएल संतोष पर बीजेपी हाईकमान द्वारा टिकट कटवाने का आरोप लगाया

जगदीश शेट्टार ने बीएल संतोष पर बीजेपी हाईकमान द्वारा टिकट कटवाने का आरोप लगाया

बेंगलुरु: बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष इन दिनों सुर्खियों में हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने संतोष पर आरोप लगाया और उनके खिलाफ भगवा पार्टी के साथ साजिश रचने और रणनीति बनाने का आरोप लगाया है। शेट्टार ने कहा कि संतोष की वजह से ही 10 मई के विधानसभा चुनावों के लिए उनके टिकट से हाई कमांड ने इनकार कर दिया और ऐसी स्थिति पैदा हुई जिसने शेट्टार को पार्टी के साथ अपने लंबे गठबंधन को तोड़ने के लिए मजबूर होना पडा। शेट्टार ने आगे कहा कि बीएल संतोष महेश तेंगिंकाई को हुबली धारवाड सेंट्रल से बीजेपी के दावेदार के तौर पर लाना चाहते थे। अगर संतोष इस तरह काम करते रहे जहां पार्टी के बजाय एक व्यक्ति को महत्व देते हैं तो बीजेपी पूरे कर्नाटक से गायब हो जाएगी।

हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि संतोष को दोष देना अनुचित है। आरोप निराधार है। उन्होंने कहा, “मैंने बिना किसी के दखल के और अपने दम पर राजनीति में अपने कदम पीछे हटाये और अपने पुत्र को आगे किया यह मेरा अपना फैसला था। इसी तरह की अवधारणा शेट्टार सहित अन्य वरिष्ठ सदस्यों पर भी लागू होती है।”

शेट्टार ने आगे कहा, “मैं यह समझने में विफल हूं कि आलाकमान और भाजपा के अन्य शीर्ष नेताओं को संतोष पर इतना भरोसा क्यों है जो विभिन्न राज्यों में भाजपा चुनाव प्रभारी के रूप में काम करने में विफल रहे। मेरे खिलाफ साजिश चल रही थी और मैंने जेपी नड्डा, धर्मेंद्र प्रधान और पार्टी के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को इस बारे में सूचित भी किया लेकिन किसी ने भी मुझे गंभीरता से नहीं लिया। बीएस येदियुरप्पा भी इस संबंध में असहाय थे।

गौरतलब है कि संतोष ने कठिन समय में भगवा पार्टी के हितों की रक्षा की और पार्टी के लिए एक स्तंभ की तरह खड़े रहे। येदियुरप्पा के साथ उनके संबंध शुरू में सौहार्दपूर्ण थे लेकिन 2008 में सरकार के काम करने के तरीके को लेकर मतभेद पैदा हो गए। तेजस्वी सूर्या और प्रताप सिम्हा जैसे लोकसभा सदस्यों को संतोष के शिष्य और समर्थक कहा जाता है। संतोष ने 2007 में गिरीश मटेनावर को भाजपा युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था।

उल्लेखनीय है कि उडुपी के रहने वाले 56 वर्षीय संतोष 1993 में आरएसएस के प्रचारक थे। आरएसएस से उन्हें 2006 में भाजपा के राज्य संगठन सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। उनके साथ मिलकर काम करने वाली भाजपा चुनाव प्रबंधन समिति की अध्यक्ष शोभा करंदलाजे ने कहा , “उन्होंने पार्टी में सिस्टम और प्रक्रियाओं को डिजिटाइज़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। संतोष के प्रयासों के कारण ही बीजेपी ने अन्य पार्टियों से आगे काम किया। 

बाद में संतोष को 2014 में संयुक्त राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) के रूप में नियुक्त किया गया, और 2019 में, राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) के रूप में पदोन्नत किया गया जो कि भाजपा के संगठनात्मक पदानुक्रम में राष्ट्रीय पार्टी अध्यक्ष के बाद दूसरे स्थान पर माना जाता है। 

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