कर्नाटक: अनुशासनात्मक कार्रवाइयों का सामना कर रहे 81 नौकरशाह, आठ में से सात आईएएस अधिकारी सेवानिवृत्त लेकिन जांच लंबित
By विशाल कुमार | Published: April 28, 2022 10:15 AM2022-04-28T10:15:57+5:302022-04-28T10:20:04+5:30
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के अधीन काम करने वाले कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग (डीपीएआर) के आंकड़ों के मुताबिक, अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई विभिन्न चरणों में है। इनमें आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, केएएस, उप सचिव और तहसीलदार शामिल हैं।
बेंगलुरु:कर्नाटक में 81 ऐसे नौकरशाह हैं जिन्हें कदाचार के आरोपों में आंतरिक जांच का सामना करना पड़ रहा है और उनके खिलाफ कार्यवाही ज्यादातर मामलों में समय सीमा को पार कर गई है। इसी कड़ी में पिछले सप्ताह कर्नाटक प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी एलिशा एंड्र्यू को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के अधीन काम करने वाले कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग (डीपीएआर) के आंकड़ों के मुताबिक, अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई विभिन्न चरणों में है। इनमें आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, केएएस, उप सचिव और तहसीलदार शामिल हैं।
कार्रवाई का सामना कर रहे आठ में से सात आईएएस अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं और उनकी फाइलें अभी भी डीपीएआर में सक्रिय हैं।
कार्रवाई का सामना कर रहे एक सेवारत अधिकारी मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव, एन. मंजूनाथ प्रसाद हैं, जिनके खिलाफ अक्टूबर 2019 में आरोपपत्र तैयार किया गया था। दो साल के बाद मामला बंद कर दिया गया।
सबसे लंबा लंबित मामला सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी एके मोनप्पा से संबंधित है, जिन पर 1998 की राजपत्रित परिवीक्षाधीन भर्ती में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था। यह मामला 18 साल तक चला।