वीरप्पा मोइली के बयान के 15 दिन बाद ही कांग्रेस-जेडीएस सरकार पर मंडराया खतरा, टूट जायेगा गठबंधन?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 6, 2019 03:09 PM2019-07-06T15:09:39+5:302019-07-06T15:12:54+5:30
पूर्व केंद्रीय मंत्री मोइली सत्तारूढ़ कांग्रेस - जद (एस) के संयुक्त उम्मीदवार थे। चिकबल्लापुर में भाजपा के उम्मीदवार बी एन बाचे गौड़ा ने उन्हें एक लाख 82 हजार 110 मतों से पराजित किया था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम. वीरप्पा मोइली ने 22 जून को बयान दिया था कि लोकसभा चुनावों में पार्टी ने अगर जद (एस) के साथ गठबंधन नहीं किया होता तो वह 15 से 16 सीटों पर चुनाव जीतती। उन्होंने कहा था कि गठबंधन पर विश्वास करना ‘भूल’ थी।
अब खबर है कि कांग्रेस के 8 और जेडीएस के 3 विधायक अपना इस्तीफा कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर को आज सौंपेंगे। कुछ विधायकों ने इस्तीफा सौंप भी दिया है। ऐसे में गठबंधन पर फिर से तलवार लटक रही है। कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 113 है।
उन्होंने कहा, ‘‘सौ फीसदी... केवल यहीं (चिकाबल्लापुर) नहीं... कई लोकसभा क्षेत्रों में... अगर गठबंधन नहीं होता तो कांग्रेस को निश्चित तौर पर 15- 16 सीटें हासिल होतीं।’’
Congress-JDS MLAs B C Patil,H Vishvanath, Narayan Gowda,Shivaram Hebbar,Mahesh Kumathalli,Gopalaiah,Ramesh Jarkiholi and Pratap Gowda Patil submitted their resignations to Secretary at Speaker office #Karnatakahttps://t.co/wPk7Iaznk8
— ANI (@ANI) July 6, 2019
मोइली एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या अगर गठबंधन नहीं होता तो वह चिकबल्लापुर में जीत जाते। चिकाबल्लापुर में संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि गठबंधन पर विश्वास करना भूल थी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लोगों ने भी मेरा विरोध किया... यह स्पष्ट है।’’ यह पूछने पर कि कांग्रेस के लोग उनका विरोध क्यों कर रहे हैं, उन्होंने विस्तार से जानकारी नहीं दी और कहा कि यह ताकत या धन के लिए हो सकता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री मोइली सत्तारूढ़ कांग्रेस - जद (एस) के संयुक्त उम्मीदवार थे। चिकबल्लापुर में भाजपा के उम्मीदवार बी एन बाचे गौड़ा ने उन्हें एक लाख 82 हजार 110 मतों से पराजित किया था। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और जद (एस) गठबंधन राज्य में केवल एक सीट जीतने में कामयाब रहा जबकि भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की।