पूर्वी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एम एम नरावने ने शुक्रवार को कहा कि कारगिल में ‘‘जबरदस्त हार’’ के बावजूद ऐसा लगता नहीं है कि पाकिस्तान ने इससे कोई सबक लिया है क्योंकि वह लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन कर रहा है।
पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (जीओसी-इन-सी) नरावने ने कहा कि सेना किसी भी परिस्थिति के लिये तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘(कारगिल) विजय के 20 साल पूरा होने के अवसर पर हम देश की रक्षा और सम्प्रभुता की सुरक्षा के लिये अपने आपको एक फिर समर्पित कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग कभी सबक नहीं लेते हैं, आपको उन्हें तब तक सबक सिखाते रहना पड़ता है, जब तक कि वे सबक सीख नहीं लेते। कारगिल में जबरदस्त हार के बावजूद देश का पश्चिमी पड़ोसी बेकार के विवादों में शामिल रहता है और लगातार संघर्ष विराम उल्लंघन कर रहा है।’’
‘कारगिल दिवस’ के अवसर पर उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘जितनी जल्दी वे इसे खत्म करेंगे, उतनी जल्दी सबका विकास होगा।’’ नरावने को अगला वाइस चीफ आफ आर्मी नियुक्त किया गया है। जीओसी-इन-सी ने 1999 के कारगिल युद्ध में अपना जीवन बलिदान करने वाले सैनिकों को यहां पूर्वी कमान मुख्यालय फोर्ट विलियम में आयोजित एक कार्यक्रम में पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
इस कार्यक्रम में पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) अरुप राहा, नौसेना ऑफिसर इन-चार्ज, बंगाल क्षेत्र, कमोडोर सुप्रभो डे एवं सशस्त्र बल के अन्य सेवारत एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मियों ने हिस्सा लिया।
कारगिल दिवस पर रास में दी गई शहीदों को श्रद्धांजलि
कारगिल दिवस पर शुक्रवार को राज्यसभा में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने करगिल दिवस का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 1999 में भारतीय जवानों ने अभूतपूर्व शौर्य का परिचय देते हुए कारगिल की पहाड़ियों पर से शत्रु को पीछे खदेड़ दिया और अपना कब्जा पुन: स्थापित किया।
नायडू ने कहा कि देश इन जवानों का सर्वोच्च बलिदान कभी भुला नहीं सकेगा। इसके बाद सदस्यों ने करगिल युद्ध के शहीदों के सम्मान में कुछ पलों का मौन रखा।
प्रियंका ने करगिल विजय दिवस पर जवानों के शौर्य और बलिदान को याद किया
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने करगिल युद्ध के विजय के 20 साल पूरा करने के मौके पर शुक्रवार को जवानों के शौर्य एवं बलिदान को याद किया। प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, ‘‘जो अपने बलिदान से हमारा ध्वज बुलंद बनाए रखते हैं, जो आजादी के लिए लड़ते हैं, जो हमारी संप्रभुता के लिए लड़ते हैं और इन सबसे आगे वे भारत के लिए खड़े रहते हैं उनको कभी नहीं भूला जा सकता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जो करगिल में लड़े और हमारे लिए अपने प्राण न्यौछावर किए उनको नमन। ’’