कार्बी आंगलोंग समझौता: केंद्र सरकार ने असम के पांच उग्रवादी समूहों के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए, जानें अमित शाह ने क्या कहा...

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: September 4, 2021 09:14 PM2021-09-04T21:14:36+5:302021-09-04T21:15:59+5:30

कार्बी आंगलोंग समझौता: उग्रवादी समूहों में केएएसी, कार्बी लोंगरी नॉर्थ कछार हिल्स लिबरेशन फ्रंट, पीपुल्स डेमोक्रेटिक काउंसिल ऑफ कार्बी लोंगरी, यूनाइटेड पीपुल्स लिबरेशन आर्मी, कार्बी पीपुल्स लिबरेशन टाइगर्स शामिल हैं।

Karbi Anglong Agreement has been signed in presence of Union Home Minister Amit Shah | कार्बी आंगलोंग समझौता: केंद्र सरकार ने असम के पांच उग्रवादी समूहों के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए, जानें अमित शाह ने क्या कहा...

1000 उग्रवादियों ने अपने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया है और समाज की मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं।

Highlightsगृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि समझौते से कार्बी आंगलोंग में स्थायी शांति और सर्वांगीण विकास होगा।पूर्वोत्तर का सर्वांगीण विकास और वहां शांति और समृद्धि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है।असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने असम और पूर्वोत्तर में शांति लाने के लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के प्रयासों की सराहना की।

नई दिल्लीः कार्बी आंगलोंग क्षेत्र में वर्षों से चल रही हिंसा को समाप्त करने के लिए शनिवार को असम सरकार, केंद्र और राज्य के पांच उग्रवादी समूहों के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

इस अवसर पर मौजूद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि समझौते से कार्बी आंगलोंग में स्थायी शांति और सर्वांगीण विकास होगा। शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले उग्रवादी समूहों में केएएसी, कार्बी लोंगरी नॉर्थ कछार हिल्स लिबरेशन फ्रंट, पीपुल्स डेमोक्रेटिक काउंसिल ऑफ कार्बी लोंगरी, यूनाइटेड पीपुल्स लिबरेशन आर्मी, कार्बी पीपुल्स लिबरेशन टाइगर्स शामिल हैं।

इस समझौते के फलस्‍वरूप, इन समूहों से जुड़े करीब 1000 उग्रवादियों ने अपने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया है और समाज की मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कार्बी समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘‘उग्रवाद मुक्त समृद्ध पूर्वोत्‍तर’’ के दृष्टिकोण में एक और मील का पत्थर साबित होगा।

शाह ने कहा कि कार्बी क्षेत्र में विशेष विकास परियोजनाओं को शुरू करने के लिए केंद्र सरकार और असम सरकार द्वारा पांच वर्षों में 1,000 करोड़ रुपये का एक विशेष विकास पैकेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम इस समझौते को समयबद्ध तरीके से लागू करेंगे।’’

गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें कार्बी आंगलोंग के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और क्षेत्र में शांति कायम होगी। केंद्रीय गृह मंत्री ने पूर्वोत्तर के अन्य उग्रवादी समूहों एनडीएफबी, एनएलएफटी और ब्रू समूहों के साथ पूर्व में हस्ताक्षरित इसी तरह के शांति समझौते का उदाहरण देते हुए कहा, ‘‘हम समझौतों की सभी शर्तों को अपने ही कार्यकाल में पूरा करते हैं और इन्हें पूरा करने का सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है।’’

शाह ने कहा कि जब से मोदी प्रधानमंत्री बने हैं तब से पूर्वोत्तर प्रधानमंत्री का न सिर्फ फोकस का क्षेत्र रहा है, बल्कि पूर्वोत्तर का सर्वांगीण विकास और वहां शांति और समृद्धि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। शाह ने कहा, ‘‘मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की नीति है कि जो हथियार छोड़कर मुख्यधारा में आते हैं, उनके साथ हम और अधिक विनम्रता से बात करके और जो वो मांगते हैं, उससे अधिक देते हैं।’’

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इसी नीति के परिणामस्वरूप जो पुरानी समस्याएं मोदी सरकार को विरासत में मिली थी, उन्हें हम एक एक करके समाप्त करते जा रहे हैं। यह समझौता महत्वपूर्ण है क्योंकि कार्बी आंगलोंग में वर्षों से उग्रवादी समूह अलग क्षेत्र की मांग को लेकर हिंसा, हत्याएं और अगवा करने जैसी घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं। इस अवसर पर उपस्थित केंद्रीय मंत्री और असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने असम और पूर्वोत्तर में शांति लाने के लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के प्रयासों की सराहना की।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि इन पांचों समूहों के उग्रवादी अब मुख्य धारा में शामिल होंगे और कार्बी आंगलोंग के विकास के लिए काम करेंगे। यह समझौता असम की क्षेत्रीय और प्रशासनिक अखंडता को प्रभावित किए बिना, कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (केएसीसी) को और अधिक स्वायत्तता का हस्तांतरण, कार्बी लोगों की पहचान, भाषा, संस्कृति की सुरक्षा और परिषद क्षेत्र में सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करेगा।

कार्बी सशस्त्र समूह हिंसा को त्यागने और देश के कानून द्वारा स्थापित शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने के लिए सहमत हुए हैं। समझौते में सशस्त्र समूहों के कैडरों के पुनर्वास का भी प्रावधान है। असम सरकार कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद क्षेत्र से बाहर रहने वाले कार्बी लोगों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक कार्बी कल्याण परिषद की स्थापना करेगी।

कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद के संसाधनों की पूर्ति के लिए राज्य की संचित निधि को बढ़ाया जाएगा। वर्तमान समझौते में कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद को समग्र रूप से और अधिक विधायी, कार्यकारी, प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियां देने का प्रस्ताव है। 

Web Title: Karbi Anglong Agreement has been signed in presence of Union Home Minister Amit Shah

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