कपिल सिब्बल ने कहा, असली आर्थिक पैकेज 20 लाख करोड़ का नहीं बल्कि '4 लाख करोड़' का है, पढ़ें कांग्रेस नेता ने कैसे लगाया हिसाब
By पल्लवी कुमारी | Published: May 13, 2020 01:07 PM2020-05-13T13:07:04+5:302020-05-13T13:07:04+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई की रात कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की। जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 10 प्रतिशत है।
नई दिल्ली: कोरोना संकट के बीच अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (12 मई) की रात को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक पैकेज से जुड़ी विस्तार से जानकारी आज (13 मई) शाम चार बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में देंगी। इसी बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने पीएम मोदी और 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज को लेकर एक ट्वीट किया है। कपिल सिब्बल ने तंज कसते हुए कहा कि असली आर्थिक पैकेज तो 4 लाख करोड़ का है।
कपिल सिब्बल ने बुधवार (13 मई) को ट्वीट किया, 'पीएम बोले कि 20 लाख करोड़ का वित्तीय पैकेज 20 2020 है। जबकि एक्सपर्ट कहते हैं कि सरकार के पास नकदी प्रवाह (cash outflow) केवल 4 लाख करोड़ है। बाकी आरबीआई ने 8 लाख करोड़ का नकदी प्रवाह मार्केट में डाला है। सरकार के पास 5 लाख करोड़ का अतिरिक्त कर्ज है। एक लाख करोड़ गारंटी फीस है। तो वास्तविक वित्तीय पैकेज: 4 2020 है।'
PM says :
— Kapil Sibal (@KapilSibal) May 13, 2020
Financial Package : 20 2020
Of ₹20 lakhs cr. experts say :
Govt. cash outflow only ₹4 lakh cr.
Rest :
RBI injected into system ₹8 lakh cr.
Additional govt. borrowings over ₹ 5lakh cr.
₹1 lakh cr. revolving guarantee
Actual financial package :
4 2020
पी. चिदंबरम ने तंज किया, प्रधानमंत्री ने सिर्फ हेडलाइन दी, खाली पन्ना छोड़ गए
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा कर सिर्फ हेडलाइन दी और कोई ब्यौरा नहीं दिया। उन्होंने ट्वीट किया, मंगलवार को प्रधानमंत्री ने हमें एक हेडलाइन दी और एक खाली पन्ना छोड़ गए। स्वाभाविक रूप से मेरी प्रतिक्रिया भी उसी खाली पन्ने की तरह होगी।
चिदंबरम ने कहा, आज, हम उस खाली पन्ने को भरने के लिए वित्त मंत्री की तरफ देख रहे हैं। हम ध्यान से उस हर अतिरिक्त रुपये को गिनेंगे जो सरकार वास्तविक रूप से अर्थव्यवस्था में डालेगी। हम इसकी भी पड़ताल करेंगे कि किसे क्या मिलता है?
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, पहली चीज यह है कि गरीब, भूखे और तबाह प्रवासी मजदूर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने के बाद क्या उम्मीद कर सकते हैं? हम यह देखेंगे कि निचले हिस्से की जनसंख्या (13 करोड़ परिवारों) को वास्तविक धन के मामले में क्या मिलेगा?