केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे कपिल मिश्रा आज बीजेपी में होंगे शामिल, ट्वीट कर किया ऐलान
By स्वाति सिंह | Published: August 17, 2019 09:01 AM2019-08-17T09:01:58+5:302019-08-17T09:01:58+5:30
विधानसभा अध्यक्ष ने यह आदेश आप विधायक सौरभ भारद्वाज की उस शिकायत पर दिया जिसमें दलबदल विरोधी कानून के तहत दिल्ली विधानसभा से मिश्रा को अयोग्य ठहराने का अनुरोध किया गया था।
केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे कपिल मिश्रा ने शुक्रवार को ऐलान किया कि वह शनिवार को बीजेपी में शामिल होंगे। कपिल ने मई में लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के लिये प्रचार किया था जिसके बाद दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने इस महीने की शुरुआत में दलबदल विरोधी कानून के तहत उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था।
मिश्रा ने ट्वीट किया, "मैं कल सुबह 11 बजे बीजेपी में शामिल होने जा रहा हूं।" दिल्ली बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने भी पुष्टि की है कि एक समय केजरीवाल के करीबी रहे मिश्रा पार्टी में शामिल होंगे।
दिल्ली बीजेपी की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू और दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी की मौजूदगी में शनिवार को प्रदेश बीजेपी कार्यालय में "कुछ नामचीन हस्तियां" पार्टी में शामिल होंगी।
I am joining BJP tomorrow at 11 a.m.
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) August 16, 2019
दिल्ली चले मोदी के साथ 🇮🇳
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) के बागी नेता कपिल मिश्रा से विधानसभा से उन्हें अयोग्य करार दिये जाने के विधानसभा अध्यक्ष के आदेश में उनके खिलाफ दिये गये निष्कर्षों पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा था।
मिश्रा का कहना था कि उन्होंने स्वेच्छा से पार्टी की सदस्यता नहीं छोड़ी है जबकि स्पीकर ने पाया है कि उनके कदम पार्टी से सदस्यता छोड़ने जैसे हैं। मिश्रा दलबदल रोधी कानून के तहत विधानसभा से अपनी अयोग्यता के खिलाफ मंगलवार को हाई कोर्ट पहुंचे थे।
मिश्रा की ओर से अधिवक्ता अश्विनी कुमार दुबे अदालत में पेश हुए। स्पीकर के आदेश को निरस्त करने का अनुरोध करते हुए मिश्रा ने अदालत में कहा था कि स्पीकर का फैसला 'पूरी तरह से गैरकानूनी, एकपक्षीय, अस्पष्ट और द्वेषपूर्ण' है क्योंकि उन्हें इस मामले में उपस्थित होने का अवसर प्रदान नहीं किया गया।
विधानसभा अध्यक्ष ने यह आदेश आप विधायक सौरभ भारद्वाज की उस शिकायत पर दिया जिसमें दलबदल विरोधी कानून के तहत दिल्ली विधानसभा से मिश्रा को अयोग्य ठहराने का अनुरोध किया गया था।