कन्हैया कुमार ने जिस जगह रैली को किया था संबोधित, उस जगह को बजरंग दल ने हवन और गंगा जल से किया शुद्ध
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 21, 2020 03:50 PM2020-02-21T15:50:37+5:302020-02-21T15:55:26+5:30
सीएए और एनआरसी को लेकर कन्हैया कुमार ने बिहार में जन-गण-मन यात्रा कर रहे हैं। बीते दिन गुरुवार को यह काफिला र्णिया और किशनगंज पंहुचा।
बिहार के किशनगंज में गुरुवार (20 फरवरी) को पूर्व जेएनयू छात्र व सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने जिस जगह रैली को संबोधित किया था। उस जगह की बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार (21 फरवरी) को हवन किया और गंगा जल से शुद्धि की। बता दें कि सीएए और एनआरसी को लेकर कन्हैया कुमार ने बिहार में जन-गण-मन यात्रा कर रहे हैं।
बीते दिन गुरुवार को यह काफिला र्णिया और किशनगंज पंहुचा। इस दौरान कन्हैया कुमार ने ट्वीट कर कहा कि बेरोज़गारी की समस्या के विकराल रुप लेने के कारण युवाओं में मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है और युवा-आत्महत्या के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। लेकिन सरकार दिन-रात मेहनत करने वाले नौजवानों पर हर रोज़ लाठियाँ बरसा रही है।
किशनगंज, बिहार: कन्हैया कुमार ने जिस जगह पर रैली को संबोधित किया था, उस जगह की बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हवन और गंगा जल से शुद्धि की। pic.twitter.com/LIJ8s4mQT6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 21, 2020
आज जन-गण-मन यात्रा का क़ाफ़िला पूर्णिया और किशनगंज पंहुचा। बेरोज़गारी की समस्या के विकराल रुप लेने के कारण युवाओं में मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है और युवा-आत्महत्या के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। लेकिन सरकार दिन-रात मेहनत करने वाले नौजवानों पर हर रोज़ लाठियाँ बरसा रही है। pic.twitter.com/on5OBlaYfJ
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) February 20, 2020
इससे पहले भाकपा नेता कन्हैया कुमार ने नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। उन्होंने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों ने नरेंद्र मोदी को अपना वोट खुद का जीवन ठीक करने के लिए दिया था या फिर सभी मुसलमानों को ठीक करने के लिए दिया था। विकास की चर्चा करने के लिए आप लोग तैयार नहीं हैं।
सीएए-एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ अपनी राज्यव्यापी 'जन गण मन यात्रा' के तहत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक जिला नालंदा में कन्हैया ने कहा था कि इतिहास उन्हें माफ नहीं करेगा जो जुल्म होते सुनते और देखते रहे, पर खामोश और उदासीन रहे। हमें अपने सामने आने वाली समस्या की गंभीरता का एहसास करना चाहिए। पूरे राष्ट्र को हिंदू बनाम मुस्लिम बहस में धकेला जा रहा है और यह ब्रिटिश राज को बहुत पसंद था जब वे सत्ता में थे।
कन्हैया ने दावा किया था कि 1947 में हमने जो आजादी हासिल किया था और आजादी के तीन साल बाद लागू हुआ संविधान दोनों आज दांव पर हैं। नागरिकता संशोधन कानून का जिक्र और आरएसएस पर अंग्रेजी सत्ता के साथ निकटता का आरोप लगाते हुए कन्हैया ने कहा था कि याद रखें कि जो केंद्र में सत्ता में हैं, उनकी विशेषता अंग्रेजों से मेल खाती है और जब देश के बाकी लोग स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने में व्यस्त थे तो वे अंग्रेजों के साथ चाय पे चर्चा किया करते थे।