Kamala Pujari Died: पद्मश्री पुरस्कार विजेता कमला पुजारी का निधन, 74 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

By अंजली चौहान | Updated: July 20, 2024 12:45 IST2024-07-20T12:30:39+5:302024-07-20T12:45:59+5:30

Kamala Pujari Died: सीएमओ सूत्रों ने बताया कि पद्मश्री पुरस्कार विजेता और प्रसिद्ध जैविक किसान कमला पुजारी का किडनी संबंधी बीमारियों से पीड़ित होने के बाद शनिवार को निधन हो गया। वह 74 वर्ष की थीं और उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं।

Kamala Pujari Died Padma Shri awardee Kamala Pujari passes away breathed her last at the age of 74 | Kamala Pujari Died: पद्मश्री पुरस्कार विजेता कमला पुजारी का निधन, 74 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

Kamala Pujari Died: पद्मश्री पुरस्कार विजेता कमला पुजारी का निधन, 74 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

Kamala Pujari Died: ओडिशा की आदिवासी महिला कमला पुजारी का 74 साल की उम्र में निधन हो गया। पर्यावरण के प्रति अपने योगदान और सराहनीय कार्यों के लिए सम्मानित पद्मश्री पुरस्कार विजेता कमला पुजारी लंबे समय से किडनी संबंधित बीमारियों का सामना कर रही थीं जिसके बाद शनिवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

वह 74 वर्ष की थीं और उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं। पुजारी, जिन्हें दो दिन पहले किडनी से संबंधित बीमारियों के कारण कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया था, ने शनिवार सुबह अंतिम सांस ली। उनका इलाज चार सदस्यीय मेडिकल टीम कर रही थी। इससे पहले उनकी हालत बिगड़ने के बाद उन्हें जेपोर जिला मुख्यालय अस्पताल से कटक लाया गया था। 

मुख्यमंत्री ने जताया दुख

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और घोषणा की कि उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। माझी ने पुजारी के बेटे टंकाधर पुजारी से भी फोन पर बात की। उन्होंने कहा, "कृषि के क्षेत्र में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।"

विपक्ष के नेता नवीन पटनायक, जिन्होंने सीएम के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें 2018 में राज्य योजना बोर्ड - राज्य में सर्वोच्च योजना निकाय - के सदस्य के रूप में नामित किया था, ने भी शोक व्यक्त किया।

कमला पुजारी के बारे में

एक गरीब आदिवासी परिवार में जन्मी पुजारी को पारंपरिक धान की किस्मों से बहुत लगाव था। वह 1994 में कोरापुट में एम.एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन द्वारा शुरू किए गए सहभागी शोध कार्यक्रम की अगुआ रही थीं, जिसके कारण उच्च उपज और उच्च गुणवत्ता वाली चावल की किस्म ‘कालाजीरा’ का प्रजनन हुआ। उन्होंने ‘तिली’, ‘मचाकांता’, ‘फुला’ और ‘घनतिया’ जैसी धान की दुर्लभ किस्मों को भी संरक्षित किया है। पुजारी ने अपने इलाके की सैकड़ों आदिवासी महिलाओं को खेती में रासायनिक खादों का इस्तेमाल न करने के लिए प्रेरित किया। उनके प्रयासों के कारण, संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने 2012 में कोरापुट को विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण कृषि विरासत स्थल (जीआईएएचएस) घोषित किया।

कोरापुट को संयुक्त राष्ट्र द्वारा इक्वेटर इनिशिएटिव अवार्ड के लिए भी चुना गया था, जिसे पुजारी को 2002 में दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित पृथ्वी शिखर सम्मेलन के दौरान प्रदान किया गया था।

कृषि में उनके योगदान के लिए, उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से 2019 में प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार - चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार - मिला।

ओडिशा सरकार ने उन्हें 2004 में सर्वश्रेष्ठ महिला किसान पुरस्कार से भी सम्मानित किया था, जबकि भुवनेश्वर में ओडिशा के प्रमुख कृषि अनुसंधान संस्थान, ओडिशा कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (OUAT) के गर्ल्स हॉस्टल का नाम उनके नाम पर रखा गया था।

Web Title: Kamala Pujari Died Padma Shri awardee Kamala Pujari passes away breathed her last at the age of 74

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे