तमिलनाडु: हिंदी पर बवाल, कमल हासन और डीएमके ने नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ कही ये बात
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 1, 2019 06:06 PM2019-06-01T18:06:19+5:302019-06-01T18:06:19+5:30
डीएमके सांसद तिरुचि सिवा ने कहा है कि हम किसी भी तरह के परिणाम को झेलने के लिए तैयार हैं लेकिन यहां के लोगों पर हिंदी भाषा को जबरन लागू नहीं होने देंगे।
तमिलनाडु राज्य के सभी प्राइमरी और हाई स्कूल में तीन भाषा प्रणाली पर केंद्र के प्रस्ताव पर मक्कल नीधि मैयम नेता कमल हासन ने कहा है, 'मैंने कई हिंदी फिल्मों में अभिनय किया है, मेरी राय में हिंदी भाषा को किसी पर भी थोपा नहीं जाना चाहिए।'
डीमके के राज्यसभा सांसद तिरुचि सिवा ने कहा है कि तमिलनाडु की जनता को हिंदी भाषा सीखने और पढ़ने के लिए जबरदस्ती करने का मतलब है कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार लोगों को विरोध प्रदर्शन करने पर उकसा रही है।
Makkal Needhi Maiam founder Kamal Haasan on Centre's proposal on three-language system in schools: I have acted in many Hindi films, in my opinion Hindi language should not be imposed on anyone. #TamilNadupic.twitter.com/eHWle8YJvb
— ANI (@ANI) June 1, 2019
तिरुचि सिवा ने कहा है कि हम किसी भी तरह के परिणाम को झेलने के लिए तैयार हैं लेकिन यहां के लोगों पर हिंदी भाषा को जबरन लागू नहीं होने देंगे।
DMK leader T Siva in Trichy: The attempt to force Hindi language on people of Tamil Nadu will not be tolerated by its people. We are ready to face any consequences to stop Hindi language being forced on the people here. pic.twitter.com/WE990DUErN
— ANI (@ANI) June 1, 2019
सांसद तिरुचि सिवा ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि तमिलनाडु में हिंदी लागू करना सल्फर गोदाम में आग फेंकने जैसा है। यदि वे फिर से हिंदी सीखने पर जोर देते हैं, तो यहां के छात्र और युवा इसे किसी भी कीमत पर रोक देंगे। हिंदी विरोधी आंदोलन 1965 इसका स्पष्ट उदाहरण है। द्रमुक ने तमिलनाडु में 23 सीटें जीती हैं और उसकी अगुवाई वाला गठबंधन 38 में से 37 सीटों पर विजयी हुआ है।