इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शमीम अहमद ने पुराण के हवाले से कहा, "जो भी गोहत्या करता है, उसे नरक में सड़ना पड़ता है"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 5, 2023 03:28 PM2023-03-05T15:28:05+5:302023-03-05T15:32:52+5:30

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के जस्टिस शमीम अहमद ने गोकशी के एक केस की सुनवाई करने के दौरान केंद्र सरकार से मांग की कि गाय को "संरक्षित राष्ट्रीय पशु" घोषित किया जाए और गोहत्या पर पूरे देश में प्रतिबंध लगाया जाए।

Justice Shamim Ahmed of the Allahabad High Court quoted the Purana as saying, "Whoever kills a cow has to rot in hell" | इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शमीम अहमद ने पुराण के हवाले से कहा, "जो भी गोहत्या करता है, उसे नरक में सड़ना पड़ता है"

फाइल फोटो

Highlightsइलाहाबाद हाईकोर्ट के जज ने कहा कि जो भी गाय की हत्या करता है, वो नरक का भागी होता हैजस्टिस शमीम अहमद ने केंद्र सरकार से मांग की कि गाय को "संरक्षित राष्ट्रीय पशु" घोषित किया जाएजस्टिस शमीम अहमद ने कहा कि गाय की रक्षा होनी चाहिए क्योंकि यह दैवीय कार्य करती है

लखनऊ: देशभर में गोकशी को चल रहे विवाद के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज ने पुराण का हवाला देते हुए कहा है कि जो भी गाय की हत्या, तस्करी या इस तरह के अपराध में शामिल होता है या ऐसे कार्यों को बढ़ावा देता है, वो नरक का भागी होता है। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के जस्टिस शमीम अहमद ने गोकशी के एक केस की सुनवाई करने के दौरान केंद्र सरकार से मांग की कि गाय को "संरक्षित राष्ट्रीय पशु" घोषित किया जाए और गोहत्या पर देश में प्रतिबंध लगाया जाए।

जस्टिस अहमद ने इस संबंध में कड़े केंद्रीय कानून बनाने की वकालत करते हुए कहा कि आज जिस तरह से गाय के प्रति क्रूरता देखने में सामने आ रही है। उसके रोकथाम के लिए केंद्र सरकार को बेहद कड़े फैसले लेने चाहिए। जस्टिस शमीम अहमद ने अपनी बात को पुख्ता करने के लिए पुराण का हवाला दिया और कहा, "हमारे पुराणों में इस बात का स्पष्ट उल्लेख मिलता है कि जो कोई भी गायों को मारता है या दूसरों को उन्हें मारने के लिए प्रेरित करता है या फिर इजाजत देता है। उसे नरक में सड़ने का भागी माना जाता है।

जस्टिस शमीम अहमद ने कहा, "भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। इस नाते यहां सभी धर्मों का सम्मान करना सबसे महत्वपूर्ण विषय है। जिसमें हिंदू धर्म का विश्वास भी शामिल है कि गाय की रक्षा और सम्मान किया जाना चाहिए क्योंकि यह दैवीय और प्राकृतिक भलाई का कार्य करती है।

कोर्ट ने 14 फरवरी को अपने आदेश में कहा, "अधिकांश राज्यों में गोहत्या के अपने कानून हैं लेकिन उनकी अदालत उम्मीद करती है कि केंद्र सरकार जल्द ही देश में गोकशी के खिलाफ सख्त कानून लाएगी और गाय को 'संरक्षित राष्ट्रीय पशु' घोषित करने की दिशा में उचित निर्णय लेगी।"

दरअसल जस्टिस शमीम अहमद की कोर्ट बाराबंकी के मोहम्मद अब्दुल खालिक के खिलाफ गोकशी के मामले में केस खारिज करने से इनकार करते हुए आरोपी का कार्य बेहद निंदनीय है क्योंकि उस पर गोहत्या और गोमांस को बिक्री का आरोप लगा है।

अदालत ने हिंदू परंपरा और पूजा पद्धति में प्रयोग होने वाले 'पंचगव्य' का हवाला देते हुए कहा कि इसमें दूध, दही, मक्खन, गोमूत्र और गोबर से विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों को किया जाता है। जिससे गायों की महत्ता और पवित्रता का उल्लेख मिलता है। सृष्टि निर्माता ब्रह्मा ने स्वयं एक ही समय में पुजारियों और गायों को अवतरित किया ताकि पुजारी धार्मिक ग्रंथों का पाठ कर सकें और गायों से मिले 'घी' का हिंदू अनुष्ठानों में प्रयोग हो सके।

इसके अलावा शमीम अहमद की कोर्ट ने गाय के साथ विभिन्न हिंदू देवताओं से जुड़े होने का भी उल्लेख किया और बताया कि हिंदुओं में विशेष रूप से भगवान शिव, इंद्, कृष्ण समेत कई देवताओं का गाय की उनकी मातृ गुणों के कारण सीधा जुड़ाव देखा गया है। गाय हिंदू धर्म के अनुसार सभी जानवरों में सबसे पवित्र है। इसे कामधेनु, दिव्य गाय, कपि, नंदा, सुरभि समेत कई नामों से सभी इच्छाओं की दाता के रूप में देखा जाता है।

Web Title: Justice Shamim Ahmed of the Allahabad High Court quoted the Purana as saying, "Whoever kills a cow has to rot in hell"

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