जस्टिस बीएच लोया की मौत पर उठ रहे सवालों के बीच उनके बेटे अनुज लोया ने मीडिया में आकर पापा पर राजनीति ना करने की गुहार लगाई है। अनुज ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के कहा कि उनके पिता की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में नहीं हुई थी। बल्कि उनके पिता का निधन हार्टअटैक के चलते हुई थी। अनुज ने कहा कि उन्हें अपने पापा की मौत को लेकर किसी पर भी कोई शक नहीं है। उन्होंने आंखों में आंसू भरते हुए गुजारित की कि उन्हें और उनके परिवार को परेशान ना किया जाए।
अनुज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "बीते कुछ दिनों से पापा की मौत को लेकर कई तरह की खबरें आ रही हैं। ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स से मेरा परिवार तकलीफ में है। मैं साफ कर देना चाहता हूं मेरे पिता की मौत किसी संदिग्ध परिस्थिति में नहीं हुई है। मैं मीडिया से आग्रह करता हूं कि हमें परेशान ना करें।"
इस मौके पर लोया फैमिली के वकील अमीर नाइक भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा, "जस्टिस लोया की मौत में कोई तथ्य छिपा नहीं है ना इसमें कोई विवाद रह गया है। मामले पर अनायास हो रही राजनीति से परिवार दुखी है। लोया की मौत एक दुखद घटना थी। उस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।"
अनुज लोया को शुरुआत में था शक
अनुज ने अपने में बयान में भले यह साफ-साफ कहा कि उन्हें अपने पिता की मौत को लेकर किसी तरह का संदेह नहीं है। लेकिन उन्होंने इसी बयान के दौरान आखिर में यह भी जोड़ा, "मुझे अपने पिता की मौत को लेकर कोई शक नहीं है। मुझे शुरुआत में थोड़ा शक था, पर अब नहीं है।"
दोबारा क्यों उठा जस्टिस लोया की मौत का मामला
अनुज लोया का यह बयान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने मामले की जांच वरिष्ठ जजों से कराने की मांग उठाई थी। राहुल ने हालिया सु्प्रीम कोर्ट संकट के बाद कहा था, ''सुप्रीम कोर्ट के चार जजों के सवाल के तह तक जाना बहुत जरूरी है। ऐसे सवाल लोकतंत्र के लिए बड़े खतरे हैं। इसमें जस्टिस लोया की मौत के मामला उठना बेहद दुखद है। मैंने देश में ऐसी बातें पहले कभी नहीं सुनीं। अभी भी देश में कोर्ट के प्रति लोगों का भरोसा बना हुआ है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट पर ऐसे सवाल बेहद गंभीर हैं।''
क्या है जस्टिस लोया की मौत का मामला
1 दिसंबर 2014 को नागपुर में एक कलीग की बेटी की शादी में जाते वक्त जस्टिस लोया की मौत हुई थी। तब वह सीबीआई के स्पेशल जज थे। तब उनकी मौत को सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले से जोड़ कर देखा गया था। सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में अमित शाह पर भी आरोप लग थे। जस्टिस लोया मामले में जज थे। मौत के ठीक बाद उनकी बहन ने आशंका ऐसी आशंका जाहिर की थी कि यह आम मौत नहीं थी।
इसके बाद बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन के वकील अहमद आबिदी ने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की थी। जबकि महाराष्ट्र के पत्रकार बीआर लोन ने कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला के साथ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जस्टिस अरुण मिश्रा व जस्टिस एमएम शांतानागौदर ने इसे बेहद गंभीर मामला बताया था।
अनुज लोया के बयान पर आई प्रतिक्रियांए
अनुज लोया की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद परिवार पर दबाव डाले जाने और 100 करोड़ रुपये तक रिश्वत का ऑफर होने के बारे में मीडिया रिपोर्ट्स आ रहीं हैं। जबकि कांग्रेस नेता पूनावाला का दावा है कि कुछ बेहद वरिष्ठ वकीलों ने उनसे याचिका लेने को कहा। ऐसा करने के लिए उन्हें कुछ माध्यमों से भी दबाव बनाने की कोशिश की गई।