'जस्ट ट्रांसफर्ड' से सामने आएगी IAS अशोक खेमका के तबादलों की कहानी सामने, नई राजनीतिक बहस को देगी जन्म!
By बलवंत तक्षक | Published: February 23, 2020 09:14 AM2020-02-23T09:14:45+5:302020-02-23T09:14:45+5:30
Just Transferred: The Untold Story of Ashok Khemka: अशोक खेमका पर लिखी गई यह किताब राज्य में एक नई राजनीतिक बहस को जन्म देगी. खेमका ऐसे अकेले अफसर हैं, जिन्हें हर सरकार में लगातार तबादले झेलने को मजबूर होना पड़ा है.
हरियाणा के आईएएस अफसर डॉ. अशोक खेमका के बार-बार तबादलों की कहानी जस्ट ट्रांसफर्ड: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ अशोक खेमका किताब के जरिये सामने आएगी. खेमका हरियाणा के पहले ऐसे अफसर हैं, जिनके तबादलों को लेकर किताब लिखी गई है. यह किताब अगले महीने से देशभर में उपलब्ध हो जाएगी.
माना जा रहा है कि खेमका पर लिखी गई यह किताब राज्य में एक नई राजनीतिक बहस को जन्म देगी. खेमका ऐसे अकेले अफसर हैं, जिन्हें हर सरकार में लगातार तबादले झेलने को मजबूर होना पड़ा है. हुड्डा सरकार के दौरान खेमका उस समय सुर्खियों में आए थे, जब रॉबर्ट वाड्रा के एक जमीन सौदे की म्यूटेशन रद्द कर दी थी.
खेमका को तबादलों के जरिये दी गई यातना के इस सफर को दिल्ली की दो पत्रकारों भवदीप कंग और निमता काला ने किताब का रूप दिया है. किताब का प्रकाशन हॉर्पर कॉलिंस ने किया है. इस किताब में खेमका के सरकारों के साथ विवाद, उनसे कार छीन लेने, चार्जशीट करने और वाड्रा भूमि विवाद का विस्तार से उल्लेख किया गया है. यह किताब प्रशासनिक ढांचे के अंदरूनी रूप को उजागर करेगी.
खेमका सीनियर आईएएस अधिकारी होते हुए भी इस समय राजनताओं की नजर में महत्वहीन माने जाने वाले अभिलेखागार, पुरातत्व व संग्रहालय विभाग के प्रधान सचिव हैं. जस्ट ट्रांसफर्ड किताब उन सवालों के जवाब देगी, जो आम लोगों, बुद्धिजीवियों और समाज के प्रबुद्ध नागरिकों की तरफ से उठाए जाते रहे हैं. कोलकाता के एक माध्यम वर्गीय परिवार के खेमका ने आईएएस में चयन से पहले कम्प्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में आईआईटी, खड़गपुर में टॉप किया था.