जज लोया केस: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- फैसले में टिप्पणी व्यक्तिगत नहीं थी

By भाषा | Published: September 27, 2018 04:56 AM2018-09-27T04:56:38+5:302018-09-27T04:56:38+5:30

लोया मामले में पैरवी करने वाली वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने उच्चतम न्यायालय के 19 अप्रैल के फैसले में उनके खिलाफ कुछ प्रतिकूल टिप्पणियों को हटाने की मांग की थी ।

Judge Loya Case: The comment in the decision was not personal says Supreme Court | जज लोया केस: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- फैसले में टिप्पणी व्यक्तिगत नहीं थी

जज लोया केस: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- फैसले में टिप्पणी व्यक्तिगत नहीं थी

नई दिल्ली, 27 सितंबर: उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को यह स्पष्ट कर दिया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के विशेष न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी एच लोया की मौत की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली विभिन्न याचिकाओं को खारिज करने के फैसले में उसकी प्रतिकूल टिप्पणियां याचिकाकर्ताओं के खिलाफ थीं न कि अधिवक्ताओं के खिलाफ ।

लोया मामले में पैरवी करने वाली वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने उच्चतम न्यायालय के 19 अप्रैल के फैसले में उनके खिलाफ कुछ प्रतिकूल टिप्पणियों को हटाने की मांग की थी ।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि आवेदन (जयसिंह का) इस आधार पर किया गया कि अदालत द्वारा याचिकाकर्ताओं और हस्तक्षेप करने वालों को लेकर दी गई प्रतिकूल टिप्पणी आवेदनकर्ता पर व्यक्तिगत रूप से किये गए।

उच्चतम न्यायालय ने 19 अप्रैल को लोया मामले में कई याचिकाओं को खारिज करते हुए यह फैसला दिया था कि सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश का निधन प्राकृतिक कारणों से एक दिसंबर 2014 को नागपुर में हुआ था । वह वहां अपने एक सहयोगी की बेटी की शादी में हिस्सा लेने गए थे ।

क्या है जज बीएच लोया की संदिग्ध मौत का पूरा मामला?
विशेष सीबीआई जज बीएस लोया सोहराबुद्दीन एनकाउंटर की मामले की सुनवाई कर रहे थे। इस मामले में अमित शाह आरोपी बनाए गए थे। 1 दिसंबर 2014 को जज लोया नागपुर में एक सहकर्मी की बेटी की शादी के समारोह में शामिल होने गए थे। नागपुर के सरकारी गेस्ट हाउस में जज लोया को दिल का दौरा पड़ा। अस्पताल पहुंचते तक उनकी मौत हो गई थी। डॉक्टरों ने भी जज लोया की मौत का कारण दिल का दौरा पड़ना बताया।

Web Title: Judge Loya Case: The comment in the decision was not personal says Supreme Court

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