जज बीएच लोया मौत मामले में स्वतंत्र जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा अपना फैसला
By स्वाति सिंह | Updated: April 19, 2018 10:24 IST2018-04-19T01:04:06+5:302018-04-19T10:24:27+5:30
1 दिसंबर 2014 को नागपुर में एक कलीग की बेटी की शादी में जाते वक्त जस्टिस लोया की मौत हुई थी। तब वह सीबीआई के स्पेशल जज थे। तब उनकी मौत को सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले से जोड़ कर देखा गया था।

Supreme Court to decide today on independent inquiry into judge BH Loya death case
नई दिल्ली, 18 अप्रैल: सीबीआई जज बीएच लोया की कथित रहस्यमयी मौत की स्वतंत्र जांच कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को अपना फैसला सुना सकता है। गौरतलब है कि 1 दिसंबर 2014 को नागपुर में एक कलीग की बेटी की शादी में जाते वक्त जस्टिस लोया की मौत हुई थी। तब वह सीबीआई के स्पेशल जज थे। तब उनकी मौत को सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले से जोड़ कर देखा गया था। सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में अमित शाह पर भी आरोप लग थे। जस्टिस लोया मामले में जज थे। मौत के ठीक बाद उनकी बहन ने आशंका ऐसी आशंका जाहिर की थी कि यह आम मौत नहीं थी। इसके बाद बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन के वकील अहमद आबिदी ने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की थी। जबकि महाराष्ट्र के पत्रकार बीआर लोन ने कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला के साथ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जस्टिस अरुण मिश्रा व जस्टिस एमएम शांतानागौदर ने इसे बेहद गंभीर मामला बताया था।
बता दें कि राज्य सरकार ने लोया मामले में कुछ वकीलों की ओर से हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के प्रति आक्रामक रवैया अपनाने और इस मामले से जुड़े आरोपों पर बरसते हुए कहा था कि न्यायपालिका एवं न्यायिक अधिकारियों को ऐसे व्यवहार से बचाने की जरूरत है। इस बीच मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग करने वालों ने घटनाक्रम का हवाला देकर यह बताने की कोशिश की थी कि लोया की मौत में किसी साजिश से इनकार करने के लिए निष्पक्ष जांच की जरूरत है।
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लोया की मौत का मामला पिछले साल नवंबर में उस वक्त सामने आया था जब उनकी बहन के हवाले से मीडिया में आई खबरों ने उनकी मौत की परिस्थितियों को रहस्यों में घेरे में ला दिया था। लेकिन लोया के बेटे ने 14 जनवरी को मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस करके दावा किया था कि उसके पिता की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई।
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सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह , राजस्थान के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया , राजस्थान के कारोबारी विमल पटनी , गुजरात के पूर्व पुलिस प्रमुख् पी सी पांडे, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गीता जौहरी और गुजरात के पुलिस अधिकारी अभय चूड़ास्मा एवं एन के अमीन को पहले ही आरोप मुक्त किया जा चुका है। पुलिसकर्मियों सहित कई आरोपियों पर अभी सोहराबुद्दीन शेख , उसकी पत्नी कौसर बी और उनके सहयोगी तुलसीराम प्रजापति के कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में मुकदमा चल रहा है। इस मामले की जांच बाद में सीबीआई को भेज दी गई थी और मुकदमे की सुनवाई गुजरात से मुंबई स्थानांतरित कर दिय गया था।
(एजेंसी इनपुट के साथ )