जज बीएच लोया की मौत का गहराता रहस्य, कुछ तो है जिसकी पर्दादारी है?

By रंगनाथ | Published: March 30, 2018 04:34 PM2018-03-30T16:34:54+5:302018-03-30T16:37:38+5:30

सीबीआई की विशेष अदालत के जज बीएच लोया की साल 2014 में मौत हो गयी थी। पुलिस के अनुसार उनकी मौत स्वाभाविक थी लेकिन द कारवाँ ने अपनी रिपोर्ट में इस पर सवाल खड़ा किया है।

Judge BH Loya Death mystery is growing day by day and tv channel silence on it | जज बीएच लोया की मौत का गहराता रहस्य, कुछ तो है जिसकी पर्दादारी है?

जज बीएच लोया की मौत का गहराता रहस्य, कुछ तो है जिसकी पर्दादारी है?

सीबीआई की विशेष अदालत के जज बृजगोपाल हरकिशन लोया की मौत मामले में द कारवाँ पत्रिका ने एक और सनसनीखेज उद्घाटन किया है। पत्रिका ने नागपुर स्थित सरकारी वीआईपी गेस्टहाउस रवि भवन के 17 वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों से बात की लेकिन उनमें से किसी ने भी 30 नवंबर और एक दिसंबर 2014 की दरम्यानी रात हुई जज लोया की मौत होने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। जज लोया कथित तौर पर इसी गेस्टहाउस में रुके जब उनकी तबीयत बिगड़ गयी थी और अस्पताल में उनकी मौत हो गयी थी। द कारवाँ ने अपनी जज लोया की मौत से जुड़े मामले में गवाही देने वाल चार जजों के बयान पर सवाल उठाया है। कारवाँ ने नवंबर 2017 में प्रकाशित रिपोर्ट में जज लोया की मौत की परिस्थितयों पर सवाल उठाया था। रिपोर्ट के अनुसार रवि भवन के वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों को जज लोया की मौत के बारे में कारवाँ की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद चला। 

जज लोया की जब मृत्यु हुई तो वो सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे। सोहराबुद्दीन शेख मामले में कई वरिष्ठ पुलिस अफसरों समेत बीजेपी नेता अमित शाह अभियुक्त थे। अमित शाह बाद में मामले से बरी हो गये। कारवाँ ने जज लोया के परिजनों से बात की जिनमें से कुछ ने लोया की मौत को स्वाभाविक मानने पर संदेह जताया। जब मामला मीडिया में आया तो जज लोया के बेटे ने सार्वजनिक रूप से बयान दिया कि उन्हें अपने पिता की मौत पर कोई संदेह नहीं है। लेकिन तीर हाथ से निकल चुका था। 

बॉम्बे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जज लोया की मौत से जुड़ी याचिकाएँ दायर हो गईं। लेकिन देश की सर्वोच्च अदालत में भी जज लोया की मौत से जुड़ी याचिका विवादों से घिर गयी। सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों ने जनवरी 2018 में देश के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के कामकाज के तरीके पर सवाल उठाया। इन चार जस्टिसों में से एक ने मीडिया के सामने इशारे में कह दिया कि जज लोया की मौत से जुड़ी याचिका को वरिष्ठता क्रम में नीचे के आने वाले जस्टिस अरुण मिश्रा की अदालत को देने पर भी सर्वोच्च अदालत में मतभेद है। विवाद बढ़ा तो जस्टिस अरुण मिश्रा ने खुद को इस केस से अलग कर लिया। ये मामला फिलहाल चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष है जिस पर सुनवाई जारी है। अदालत में ये मामला किस करवट बैठेगा ये तो वक्त तय करेगा लेकिन इस मामले में जिस तरह के उद्घाटन सामने आ रहे हैं उनसे न्यायपालिका के भविष्य और संप्रभुता पर सवाल उठना लाजिमी है।

केंद्र सरकार जज लोया की मौत की जाँच कराने के खिलाफ है। हमारे जैसे सामान्य लोगों के लिए ये समझना मुश्किल हो रहा है कि आखिर सरकार को किसी की मौत की जाँच कराने में क्या समस्या हो सकती है। एक जज की मौत पर अगर सवाल उठा है तो इसे सामान्य नहीं माना जा सकता। ये मामला कहीं न कहीं देश में न्यायपालिका के भविष्य से जुड़ा है। देश के आम नागरिकों के दिल में इंसाफ पाने की आखिरी उम्मीद अदालतें ही हैं। भारतीय अदालतें भले ही दूध की धुली न मानी जाती हों लेकिन आम इंसान के पास उनके अलावा कोई आसरा नहीं। ऐसे में जज लोया की मौत पर छाते जा रहे बादलों को हटाने के लिए और आम जनता का न्यायपालिका में विश्वास बनाए रखने के लिए इस मामले की जाँच जरूरी है।

जज लोया की मौत के मामले में मीडिया भी सवालों से घिरा हुआ है, खासकर टीवी चैनल। श्रीदेवी की मौत से जुड़े रहस्य और जज लोया की मौत पर खड़े हुए सवालों के बीच टीवी मीडिया या अन्य मीडिया संस्थानों ने जिस तरह दोरंगा बरताव किया उससे उनकी मंशा जाहिर होती है। ये सच है कि श्रीदेवी की मौत की गुत्थी बॉलीवुड की रंगीनियों की वजह से चमकदार नजर आती है लेकिन जज लोया का मामला भी इतना फीका नहीं कि उसे लगभग नजरअंदाज किया जाए। श्रीदेवी, आरुषी, शीना बोरा इत्यादि के मर्डर मिस्ट्री में टीवी चैनलों ने रात-दिन खून जलाया है लेकिन जज लोया की मौत में उन्हें कोई खास मिस्ट्री नहीं नजर आ रही है। कोर्ट, सरकार, पुलिस और मीडिया जज लोया की मौत के साथ कुछ ज्यादा ही मासूमियत से पेश आ रहे हैं, दूसरी तरफ उनकी मौत का रहस्य गहराता जा रहा है। मिर्जा ग़ालिब याद आते हैं- ...कुछ तो है जिसकी पर्दा दारी है।

Web Title: Judge BH Loya Death mystery is growing day by day and tv channel silence on it

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