Mumbai Migrant Crisis: गलत खबर दिखाने के आरोप में मराठी चैनल का पत्रकार गिरफ्तार, कल होगी कोर्ट में पेशी
By सुमित राय | Published: April 15, 2020 08:32 PM2020-04-15T20:32:16+5:302020-04-15T20:41:50+5:30
मुंबई के बांद्रा में रेलवे स्टेशन के पास मंगलवार को बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर एकत्र हो गए थे।
मुंबई में लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के प्रदर्शन के एक दिन बाद पुलिस ने विशेष ट्रेनों की खबर देने वाला एक मराठी समाचार चैनल का पत्रकार गिरफ्तार किया है। कथित तौर पर इस पत्रकार के रिपोर्ट के कारण ही मुंबई के बांद्रा में मंगलवार को प्रवासी कामगारों की भीड़ जमा हो गई थी।
रिपोर्टर ने खबर में बताया था कि ट्रेन सेवाएं बहाल होंगी, जिसके कारण उपनगर बांद्रा में मंगलवार को प्रवासी कामगार उमड़ पड़े थे। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले से आरोपी राहुल कुलकर्णी को गिरफ्तार किया। इसके बाद पुलिस उसे मुंबई लेकर आई है और उसे कल यानि गुरुवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
मुंबई पुलिस के डीसीपी (जोन IX) अभिषेक त्रिमुखे ने बताया, "राहुल कुलकर्णी (एक टीवी चैनल के पत्रकार) को मंगलवार को बांद्रा में जमा हुई भीड़ के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। पत्रकार पर विशेष ट्रेनों के शुरू करने के बारे में गलत सूचना फैलाने का आरोप है। उसे कल अदालत में पेश किया जाएगा।
Rahul Kulkarni (a journalist with a TV channel) has been arrested in connection with yesterday's gathering in Bandra. He is accused of spreading misinformation about trains being restarted. He'll be produced before Court tomorrow: Abhishek Trimukhe DCP (Zone IX), Mumbai Police pic.twitter.com/AAsgLG7EBN
— ANI (@ANI) April 15, 2020
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले के आरोपी राहुल कुलकर्णी को हिरासत में ले लिया गया है और फिर मुंबई लागाय गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि हाल ही में एक खबर में कुलकर्णी ने कहा था कि लॉकडाउन के कारण फंसे हुए लोगों के लिए जन साधारण विशेष ट्रेनें बहाल होंगी। अधिकारी ने बताया कि उस पर आईपीसी की धारा 188, 269, 270 और 117 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बता दें कि लॉकडाउन लागू होने के बावजूद बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास 1,000 से अधिक प्रवासी मजदूर जमा हो गए थे। इनमें से अधिकतर लोग बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के थे। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग भी किया था।
इस मामले में नवी मुंबई के निवासी विनय दुबे को भी पुलिस ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भ्रामक संदेश पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया था, जिसे अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 21 अप्रैल तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी को बुधवार की सुबह गिरफ्तार किया गया। उससे फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उसके पोस्ट को लेकर पूछताछ की गई।
अधिकारी ने बताया कि उसने सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया था जिसमें उसने मांग की थी कि महाराष्ट्र सरकार ऐसे प्रवासियों के जाने की व्यवस्था करे, जो कोरोना वायरस महामारी के कारण लागू लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए हैं और अपने मूल स्थानों पर वापस जाना चाहते हैं।
उन्होंने बताया कि आरोपी ने इस मुद्दे को लेकर ट्वीट भी किया था और धमकी दी थी कि प्रवासी मजदूरों को उनके मूल स्थानों पर ले जाने के लिए अगर 18 अप्रैल तक ट्रेनों की व्यवस्था नहीं की गई तो देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
दुबे को शुरू में नवी मुंबई पुलिस ने हिरासत में लिया और बाद में उसे उपनगरीय बांद्रा की पुलिस को सौंप दिया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्यता बढ़ाने, नफरत का भाव बढ़ाने), 117 (अपराध करने के लिए भड़काने), 188 (सरकारी सेवक के आदेश का पालन नहीं करना), 269 , 270 (लापरवाही और बीमारी का संक्रमण फैलाने के लिए गलत बर्ताव करना) तथा महामारी कानून के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।