जोधपुर हिंसा: सुबह की नमाज के तुरंत बाद कारों में तोड़फोड़ की गई, घरों पर पथराव किया गया: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत
By रुस्तम राणा | Published: May 3, 2022 05:40 PM2022-05-03T17:40:20+5:302022-05-03T17:44:16+5:30
हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हिंसा के दौरान जोधपुर में महिलाओं का अपमान किया गया। इसे रोकने के लिए पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया। राजस्थान में क़ानून व्यवस्था की हालत बदतर है।
जोधपुर: ईद-उल-फितर के मौके पर हुई जोधपुर हिंसा को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंगलवार को जोधपुर में कहा है कि सुबह की नमाज के तुरंत बाद कारों में तोड़फोड़ की गई, घरों पर पथराव किया गया। उन्होंने कहा कि हिंसा के दौरान जोधपुर में महिलाओं का अपमान किया गया। इसे रोकने के लिए पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया। राजस्थान में क़ानून व्यवस्था की हालत बदतर है।
उन्होंने कहा, उनके(अशोक गहलोत) शहर को जब फूंका जा रहा था तो वे जन्मदिन की शुभकामनाएं और गुलदस्ते लेने में व्यस्त थे। हमने प्रशासन से कहा है कि अगर इस मामले में सही से कार्रवाई नहीं हुई तो हम जालोरी गेट पर धरना देंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा- वहां पर हम हज़ारों की संख्या में बैठेंगे। वहां बैठकर हम प्रशासन पर दबाव डालेंगे कि वे जोधपुर की शांति और भाईचारे को बिगाड़ने वाले असामाजिक तत्वों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करें।
सुबह की नमाज के वक्त तुरंत बाद कारों में तोड़फोड़ की गई, घरों पर पथराव किया गया, जोधपुर में महिलाओं का अपमान किया गया। इसे रोकने के लिए पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया। राजस्थान में क़ानून व्यवस्था की हालत बदतर है: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, जोधपुर pic.twitter.com/xScJDtt9e1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 3, 2022
मिली जानकारी के अनुसार, हिंसा उस समय भड़क गई जब सोमवार की आधी रात के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ लोग ईद के मौके पर जालोरी गेट के पास एक चौराहे पर अपना धार्मिक झंडे लगा रहे थे। इसमें कहा गया कि झंडा चौराहे में स्थापित स्वतंत्रता सेनानी बालमुकंद बिस्सा की प्रतिमा पर लगाया जा रहा था जिसका हिंदू समुदाय के लोगों ने विरोध किया।
हिंदू समुदाय की ओर से यह आरोप लगाया गया कि परशुराम जयंती पर लगाए गए भगवा ध्वज को हटाकर इस्लामी झंडा लगा दिया गया, जिसके लेकर दोनों समुदाय आमने-सामने आ गए। कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए यहां 144 को लागू किया गया।