'बिल्कुल, एक बार ठीक से आर-पार करने की जरूरत है, अभी नहीं मारेंगे सालों को तो कब मारेंगे, गंध मचा रखा है कमीनों ने...' ये एक संदेश है जो जेएनयू हिंसा से पहले कथित रूप से एक वाट्सएप ग्रुप में पोस्ट किया गया है। आरोप है कि हिंसा से पहले 'एंटी नेशनल्स को मारने' के ऐसे मैसेज कई वाट्सएप ग्रुप में घूम रहे थे। इंडियन एक्सप्रेस ने इन वाट्सएप ग्रुप में दिख रहे नंबरों के आधार पर छह लोगों से बात करने की कोशिश की।
इसमें तीन लोगों ने कहा कि उनका नंबर गलत इस्तेमाल किया गया है। एक ने कहा कि उसके दोस्त ने मैसेज पोस्ट किया है। दो लोगों ने ने कहा कि वो जानकारी लेने के लिए ग्रुप में शामिल हुआ था।
भड़काउ संदेश पोस्ट करने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि वो जेएनयू में पीएचडी का छात्र है। हां, वह एबीवीपी से है लेकिन उसने ये मैसेज पोस्ट नहीं किया है। किसी ने उसके नंबर का गलत इस्तेमाल किया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एक वाट्सएप ग्रुप '‘Left Terror Down Down' में एक व्यक्ति ने पोस्ट किया, 'आज जेएनयू में मजा आ गया। इन सालों को देशद्रोहियों को मारके।' जब इस व्यक्ति से संपर्क किया गया तो उसने बताया कि वो हरियाणा का कॉलेज स्टूडेंट है। उसने बताया कि उसके दोस्त ने मेरा फोन लेकर ग्रुप ज्वॉइन कर लिया। मुझे नहीं पता जेएनयू के छात्र एंटी नेशनल हैं या नहीं।
एक और व्यक्ति ने ग्रुप में पोस्ट किया, 'हॉस्टल में घुसके तोड़े।' जब उससे संपर्क किया गया तो उसने बताया कि नोएडा में रहता है और फिर कॉल कट कर दिया। एक और व्यक्ति ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मैं फिलहाल एम्स ट्रामा सेंटर में हूं। मैं जेएनयू का छात्र नहीं हूं लेकिन अपने कॉमरेड के साथ खड़ा हूं। मैं जानकारी लेने के लिए ग्रुप में जुड़ा था लेकिन बाद में उन्होंने मुझे रिमूव कर दिया।
आपको बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में रविवार रात को उस वक्त हिंसा भड़क गयी जब लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला किया, परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जिसके बाद प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा। हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष सहित कम से कम 28 लोग घायल हो गये जिन्हें एम्स में भर्ती कराया गया है।