जम्मू-कश्मीर: आतंकियों ने गैर-कश्मीरी मजदूर पर किया हमला, अस्पताल में इलाज जारी
By सुरेश एस डुग्गर | Published: September 2, 2022 04:14 PM2022-09-02T16:14:53+5:302022-09-02T16:16:02+5:30
जम्मू: आतंकियों ने एक बार फिर शुक्रवार को टारगेट किलिंग की कोशिश करते हुए पुलवामा में गैर-कश्मीरी मजदूर पर हमला किया है, उसे इलाज के लिए अस्पताल भर्ती कराया गया है। वहीं, इससे पहले 12 अगस्त को आतंकियों ने बांदीपोरा में टारगेट किलिंग की थी। पुलिस ने बताया कि उगरगुंड इलाके में काफी समय से रह रहे पश्चिम बंगाल के निवासी मुनीब उल रहमान पुत्र अब्दुल काबे जब काम के लिए घर से निकला तो अचानक से आतंकवादियों ने उस पर हमला कर दिया।
कुछ संदिग्ध बंदूकधारी उसके सामने आए और उस पर गोलीबारी करते हुए वहां से फरार हो गए। इससे पहले कि आसपास रहने वाले लोग कुछ कर पाते आतंकवादी वहां से निकल भागे। कश्मीर में आतंकवादी अब तक 26 लोगों की टारगेट किलिंग कर चुके हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आतंकवादी कश्मीर में दहशत पैदा करने के लिए बाहरी प्रदेशों के नागरिक को निशाना बना रहे हैं। कश्मीर को आतंकवाद मुक्त बनाने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस व अन्य सुरक्षाबल पूरा प्रयास कर रहे हैं।
कश्मीर में इस साल में कुल 26 और पिछले चार महीनों में 11 बार टारगेट किलिंग की जा चुकी है। हालांकि, आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों लगातार अभियान चलाए हुए हैं। गुरुवार को ही सुरक्षाबलों ने टारगेट किलिंग के लिए जा रहे एक आतंकी मददगार को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही टारगेट किलिंग में शामिल कई आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मौत के घाट उतार दिया है। जानकारी के लिए इससे पहले 12 अगस्त को आतंकियों ने एक टारगेट किलिंग को अंजाम दिया था।
आतंकियों ने बांडीपोरा के सोदनारा सुंबल में गैर-कश्मीरी मजदूर पर फायरिंग की। गोली लगने से घायल मजदूर ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। दरअसल अलगाववादियों व आतंकियों ने केंद्र सरकार के उस फैसले को अभी भी नहीं माना है जिसके तहत 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को धारा 370 के तहत जो विशेषाधिकार मिले हुए थे उन्हें छीन कर दो टुकड़ों में बांट कर उसकी पहचान छीन ली थी।
हालांकि अक्टूबर 2019 में भी आतंकियों ने 5 प्रवासी श्रमिकों को मौत के घाट उतारा था पर 5 अगस्त 2019 के बाद कृष्णा ढाबे के मालिक के बेटे आकाश मेहरा की मौत दूसरी ऐसी हत्या थी जो जम्मू के निवासी थे और कश्मीर में रहते हुए डोमिसाइल के लिए आवेदन कर रहे थे। इससे पहले सैनिक कालोनी के रहने वाले सुनार सतपाल सिंह की 31 दिसम्बर 2021 को कश्मीर में हत्या कर दी गई थी जिसने डोमिसाइल प्रमाण पत्र की मांग की थी।