कश्मीर में तीन दिनों में कुछ बड़ा होने?, पहलगाम हमले में 5 नहीं 7 आतंकी, सरकारी कर्मचारियों को 27 अप्रैल तक वर्क फ्रॉम होम, रक्षा मंत्री का लद्दाख का दौरा रद्द
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: April 23, 2025 21:23 IST2025-04-23T20:28:10+5:302025-04-23T21:23:53+5:30
आतंकी या उनके समर्थक उन कश्मीरी पंडितों को नुक्सान पहुंचा सकते हैं जो पीएम पैकेज के तहत अभी भी कश्मीर में कार्यरत हैं।

Pahalgam attack
जम्मूः क्या कश्मीर के मोर्चे पर अगले तीन दिनों में कुछ बड़ा होने जा रहा है? यह सवाल प्रदेश सरकार के उस निर्देश के बाद उठने लगा है जिसमें उसने पीएम पैकेज के तहत कश्मीर में सरकारी नौकरियां कर रहे कर्मचारियों को 27 अप्रैल तक वर्क फ्राम होम करने के लिए कहा है। यही नहीं यह आशंकाएं इसलिए पैदा हो रही हैं क्योंकि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी 25 व 26 अप्रैल के अपने लद्दाख के दौरे का रद्द कर दिया है। जबकि इससे पहले राष्ट्रपति भी पहलगाम के बर्बर हमले के बाद आसाम के अपने दौरे को रद्द कर चुकी हैं। दरअसल यह जिन सरकारी कर्मचारियों को वर्क फ्राम होम के निर्देश दिए गए हैं वे सभी कश्मीरी पंडित हैं जो कई साल पहले पलायन कर देश के विभन्न हिस्सों में बस गए थे और अब सरकारी शर्तों के मुताबिक, पीएम पैकेज के तहत कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में नौकरियां कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पहलगाम आतंकी हमले के अपराधियों के बारे में सूचना देने पर 20 लाख रुपये का ईनाम देने की घोषणा की।
हालांकि सरकार द्वारा इसके प्रति कोई कारण नहीं दर्शाया गया है पर चर्चाएं यह हैं कि केंद्र सरकार पहलगाम हमले के विरुद्ध कोई कार्रवाई कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ अंजाम दे सकते है और इसमें उसे आशंका है कि बदले की भावना में आतंकी या उनके समर्थक उन कश्मीरी पंडितों को नुक्सान पहुंचा सकते हैं जो पीएम पैकेज के तहत अभी भी कश्मीर में कार्यरत हैं।
ऐसे में उन्हें वर्क फ्राम होम के आदेश देकर सुरक्षित फ्लैटों में रहने के लिए कहा गया है। वैसे चर्चाएं यह भी हैं कि केंद्र सरकार की जवाबी कार्रवाई की कवायद की जो तैयारी की जा रही है उसके लिए रक्षा व गृह मंत्रियों को नई दिल्ली में ही उपस्थित रहने को कहा गया है। यही कारण था कि मिलने वाले समाचारों के अनुसार, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 25 व 26 अप्रैल के अपने लद्दाख के दौरे को रद्द कर दिया है।
इस बीच गुप्तचर संस्थाओं ने पहलगाम हमले के प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों और वक्तव्यों के बाद यह जानकारी दी है कि पहलगाम के हमले मंें कुल सात आतंकी शामिल थे जिनमें दो स्थानीय भी थे। उनका कहना था कि 2 या 3 आतंकी इतने बड़े नरसंहार को अंजाम नहीं दे सकते थे। इसलिए प्रत्यक्षदशिर्याें के बयानों पर विश्वास करना जरूरी है।