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J&K: वैष्णों देवी मंदिर में अब RFID से यात्रियों पर रखी जाएगी नजर, नए साल के दिन भगदड़ से सबक लेते हुए उपराज्यपाल ने की शुरुआत, जानिए इसके बारे में

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 1, 2022 08:07 IST

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के 37 वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में कहा कि आरएफआईडी से यात्रियों तक आसानी से पहुंच बनी रहेगी और उन्हें कम से कम असुविधा होगी। उन्होंने कहा कि ‘स्काई वाक’ का निर्माण कार्य दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।

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ठळक मुद्देआरएफआईडी से यात्रियों तक आसानी से पहुंच बनी रहेगी RFID भगदड़ के मद्देनजर तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए मंजूर की कई नयी परियोजनाओं का हिस्सा हैRFID एक प्रकार की निष्क्रिय वायरलेस तकनीक है जो किसी वस्तु या व्यक्ति की ट्रैकिंग और मैचिंग की अनुमति देती है

जम्मूः जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रियासी जिले के त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णोदेवी मंदिर के तीर्थयात्रियों के लिए बुधवार को रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) प्रणाली की शुरुआत की। आरएफआईडी प्रणाली नये साल के दिन इस धर्मस्थल पर भगदड़ मचने के बाद तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए मंजूर की कई नयी परियोजनाओं का हिस्सा है। इस भगदड़ में 12 लोगों की जान गयी थी तथा 16 अन्य घायल हो गये थे। सिन्हा ने माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के 37 वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में कहा कि आरएफआईडी से यात्रियों तक आसानी से पहुंच बनी रहेगी और उन्हें कम से कम असुविधा होगी। उन्होंने कहा कि ‘स्काई वाक’ का निर्माण कार्य दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।

क्या है रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID):

RFID एक प्रकार की निष्क्रिय वायरलेस तकनीक है जो किसी वस्तु या व्यक्ति की ट्रैकिंग और मैचिंग की अनुमति देती है। सिस्टम के दो बुनियादी हिस्से होते हैं- टैग और रीडर। रीडर द्वारा रेडियो तरंगों को छोड़ दिया जाता है तथा RFID टैग द्वारा सिग्नल को वापस प्राप्त किया जाता है, जबकि टैग अपनी पहचान एवं अन्य जानकारी को संप्रेषित करने के लिये रेडियो तरंगों का उपयोग करता है।

यह टैग कई फीट दूर से वस्तु की पहचान कर सकता है और इसे ट्रैक करने के लिए वस्तु के प्रत्यक्ष ‘लाइन-ऑफ-साइट’ (Line-of-Sight) के भीतर होने की आवश्यकता नहीं है। प्रौद्योगिकी (RFID) को 1970 के दशक से पहले मंजूरी दी गई है, लेकिन हाल के वर्षों में वैश्विक आपूर्ति शृंखला प्रबंधन और घरेलू माइक्रोचिपिंग जैसी वस्तुओं में इसके उपयोग के कारण यह बहुत अधिक प्रचलित हो गई है। यह बारकोड से भी ज्यादा फास्ट काम करता है। क्योंकि इसमें एक साथ कई RFID टैग को कई बार रीड किया जा सकता है; जबकि बार कोड तकनीक में एक समय में केवल एक बार कोड को ही रीड किया जा सकता है।

भाषा इनपुट के साथ

टॅग्स :वैष्णो देवी मंदिरजम्मू कश्मीर
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