बिहार में भाजपा और हम के बीच जुबानी जंग जारी, जीतनराम मांझी के बयान के बाद भाजपा ने भी किया पलटवार
By एस पी सिन्हा | Published: June 10, 2021 08:36 PM2021-06-10T20:36:17+5:302021-06-10T21:06:10+5:30
बिहार एनडीए में सहयोगी दल हम पार्टी के मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी लगातार भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। एक सप्ताह में यह पांचवां वाकया है जब जीतनराम मांझी या उनकी पार्टी ने भाजपा के खिलाफ खुली बयानबाजी की है।
पटना:बिहार एनडीए में सहयोगी दल हम पार्टी के मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी लगातार भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। एक सप्ताह में यह पांचवां वाकया है जब जीतनराम मांझी या उनकी पार्टी ने भाजपा के खिलाफ खुली बयानबाजी की है। इस तरह से सूबे की राजनीति अब पूर्णिया से बदलकर बांका जिले तक पहुंच गई है। जहां दो दिन पहले मदरसे में हुए विस्फोट की घटना को लेकर राजनेताओं द्वारा जमकर बयानबाजी की जा रही है।
जीतन राम मांझी ने आज बांका मदरसा विस्फोट पर कहा कि मदरसों में आतंकवाद की बात करने वाले देश विरोधी हैं। उन्होंने इसे दलितों से जोड़ दिया। मांझी बोले कि जब दलित अपनी बात उठाता है तो उसे नक्सली करार दे दिया जाता है। उसी तरीके से जब मुसलमानों के बच्चे मदरसे में पढने जाते हैं तो उन्हें आतंकवादी करार दिया जाता है। ये दलितों और मुसलमानों के खिलाफ साजिश है। जो मदरसों पर सवाल उठा रहे हैं, वे देश के दुश्मन हैं।
उन्होंने कहा कि बांका में अगर विस्फोट हुआ है तो उसकी जांच होगी, लेकिन उसे आतंकवाद से जोड़ने की बात का वे पुरजोर विरोध करते हैं। मांझी ने कहा कि मदरसे में पढ़ने वाले बच्चे आतंकी नहीं होते। यह सोच बदलिए। मांझी ने भाजपा नेताओं को नसीहत देते हुए कहा है कि गरीब दलित जब आगे बढे़ तो नक्सली, गरीब मुसलमान जब मदरसे में पढे़ तो आतंकी, भाई साहब ऐसी मानसिकता से बाहर निकलिए, यह राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए ठीक नहीं।
सही को सही और गलत को गलत कहने की हिम्मत रखिए
मांझी के इस बयान के बाद भाजपा ने एक बार फिर से जीतनराम मांझी की पोल खोली है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक राजीव रंजन ने कहा कि हम तो अभी तक जान रहे थे कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता और नक्सली की कोई जात नहीं होती। आतंकी, आतंकी होता है और नक्सली, नक्सली। लेकिन कुछ ‘विशेषज्ञों’ ने तो इनका जात-धर्म सब खोज निकाला और देश की अखंडता बचाने के लिए इन दुर्दांतों के अपराधों पर आंखे मूंदने की सलाह भी दे रहे हैं। सही को सही और गलत को गलत कहने की हिम्मत रखिए। जनता ने कश्मीर को भी देखा है और अभी बंगाल से नूरपुर तक का तमाशा भी देख रही है। आतंकी या नक्सली किसी के सगे नहीं होते, यह ‘भस्मासुर’ पालने वालों को भी नहीं छोड़ते। हिंदुस्तान के मर्म को न समझने वाले पाकिस्तान का उदाहरण देख सकते हैं।
पहली बार नहीं है मांझी का विरोध
भाजपा नेताओं का विरोध मांझी ने पहली बार नहीं किया है। दो दिन पहले ही मांझी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल द्वारा बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए जाने को लेकर उन्हें आडे़ हाथ लिया था। मांझी ने कहा था कि सूबे में कुछ लोगों को दलित-मुस्लिम एकता से पेट में दर्द हो रहा है। वही बिहार सरकार के ऊपर ऊंगली उठा रहे हैं। इसके बाद आज उन्होंने लगे हाथ भाजपा को मानसिकता बदलने की नसीहत दे दी। दरअसल, एक दिन पहले ही भाजपा के बिस्फी विधायक ने मदरसा विस्फोट को लेकर कहा था कि मदरसे से कोई इंजीनियर नहीं निकलता है, यहां सिर्फ आतंक की पढ़ाई की जाती है। इसके बाद ही भाजपा को सबक सिखाने के लिए जीतन राम मांझी ने जवाबी हमला किया है। जिसके बाद भाजपा भी और हमलावर हो गई है।