झारखंड: क्वारंटाइन सेंटर में पेट दर्द से तड़पता रहा मजदूर, कोरोना के शक में नहीं लगाया किसी ने हाथ, इलाज के अभाव में तोड़ा दम

By एस पी सिन्हा | Published: May 20, 2020 04:48 PM2020-05-20T16:48:41+5:302020-05-20T16:54:23+5:30

प्रवासी मजदूर बैजनाथ राम 11 मई को गुरुग्राम से लौटा. वह घर जाने के बजाय एहतियात के तौर पर इचाक मोड स्थित शिवमंदिर में ठहर गया. वहीं, उसके पेट में दर्द शुरू हो गया.

Jharkhand: Workers suffering from stomach pain in quarantine center died coronavirus | झारखंड: क्वारंटाइन सेंटर में पेट दर्द से तड़पता रहा मजदूर, कोरोना के शक में नहीं लगाया किसी ने हाथ, इलाज के अभाव में तोड़ा दम

झारखंड: क्वारंटाइन सेंटर में पेट दर्द से तड़पता रहा मजदूर, कोरोना के शक में नहीं लगाया किसी ने हाथ, इलाज के अभाव में तोड़ा दम

Highlights18 मई को उसे संत कोलंबा कॉलेज स्टेडियम में स्वाब सैंपल लेने के लिए ले जाया गया. हजारीबाग के उपायुक्त भुवनेश प्रताप सिंह ने इस मामले की शिकायत स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से की.

रांची: झारखंड में कोरोना संकट के बीच हजारीबाग जिला में पेट दर्द से तड़प रहे प्रवासी मजदूर की मौत हो गई. सबसे दुखद तो यह रहा कि वह तड़पता रहा, लेकिन किसी ने उसे हाथ तक नहीं लगाया. इचाक के रहने वाले 22 वर्षीय मजदूर बैजनाथ राम ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया. घटना 18 मई की रात की है. लॉकडाउन के बीच यह युवक 11 मई को गुरूग्राम से हजारीबाग लौटा था. वह घर जाने के बजाय इचाक मोड स्थित शिव मंदिर में ठहर गया था. 18 मई की रात बैजनाथ को पेट दर्द शुरू हुआ. लेकिन कोरोना की आशंका के कारण किसी ने उसे छूआ तक नहीं. दर्द के कारण तड़प-तड़प कर उसकी मौत हो गई.

प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रवासी मजदूर बैजनाथ राम 11 मई को गुरुग्राम से लौटा. वह घर जाने के बजाय एहतियात के तौर पर इचाक मोड स्थित शिवमंदिर में ठहर गया. वहीं, उसके पेट में दर्द शुरू हो गया. पीसीआर वैन से उसे 11 मई को ही इचाक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उसे हजारीबाग सदर अस्पताल भेज दिया गया. लेकिन, वहां उसका इलाज नहीं हुआ. लेकिन कोरोना के शक में किसी ने उसे छुआ तक नहीं. 

18 मई को उसे संत कोलंबा कॉलेज स्टेडियम में स्वाब सैंपल लेने के लिए ले जाया गया. इसी दौरान रात 2:30 बजे उसकी मौत हो गई. 19 मई तक उसका शव हजारीबाग मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पोस्टमार्टम हाउस में रखा था. इस मामले में हजारीबाग के सिविल सर्जन और मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक का तबादला कर दिया गया है.

इधर, हजारीबाग के उपायुक्त भुवनेश प्रताप सिंह ने इस मामले की शिकायत स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से की. इसके बाद लापरवाही बरतने के आरोप में हजारीबाग के सिविल सर्जन डॉ कृष्ण कुमार का तबादला कर दिया गया है. उनके स्थान पर एसीएमओ डॉ संजय जायसवाल को सिविल सर्जन हजारीबाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. वहीं, हजारीबाग मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ केके लाल का तबादला करते हुए उन्हें दुमका मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है. उनकी जगह पर डॉ संजय कुमार सिन्हा को अधीक्षक का प्रभार दिया गया है.
 

Web Title: Jharkhand: Workers suffering from stomach pain in quarantine center died coronavirus

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