झारखंड: प्रधानमंत्री मोदी ने तोड़ा प्रोटोकॉल, सेना के जवानों के बीच किया योगाभ्यास

By एस पी सिन्हा | Published: June 21, 2019 06:37 PM2019-06-21T18:37:06+5:302019-06-21T18:37:06+5:30

कार्यक्रम शुरू होने पर प्रधानमंत्री मुख्य मंच से उतरकर मंच के सामने बने उस ब्लाक में जा पहुंचे, जहां अनुशासित तरीके से सेना के जवान योगाभ्यास शुरू करने जा रहे थे. प्रधानमंत्री सीधे सेना के जवानों के बीच एक जगह पर जा बैठे और माइक पर आ रहे इंस्ट्रक्टर की आवाज को फॉलो करते हुए योगाभ्यास करने लगे.

Jharkhand: Prime Minister Narendra Modi breaks protocol, practiced yoga with army jawans | झारखंड: प्रधानमंत्री मोदी ने तोड़ा प्रोटोकॉल, सेना के जवानों के बीच किया योगाभ्यास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना के जवानों के बीच योग किया। (Image Source: Twitter/@narendramodi)

झारखंड की राजाधनी रांची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांचवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर धुर्वा स्थित प्रभात तारा मैदान में लगभग चालीस हजार लोगों के साथ योग किया. आयोजित योग क्रायक्रम में प्रशासन की ओर से बताया गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य मंच पर झारखंड की राज्यपाल, मुख्यमंत्री और दो मंत्रियों के साथ योगाभ्यास करेंगे, लेकिन जैसे ही योगाभ्यास कार्यक्रम शुरू करने की घड़ी आई तो पीएम ने सेना के जवानों के साथ योग करने लगे।

कार्यक्रम शुरू होने पर प्रधानमंत्री मुख्य मंच से उतरकर मंच के सामने बने उस ब्लाक में जा पहुंचे, जहां अनुशासित तरीके से सेना के जवान योगाभ्यास शुरू करने जा रहे थे. प्रधानमंत्री सीधे सेना के जवानों के बीच एक जगह पर जा बैठे और माइक पर आ रहे इंस्ट्रक्टर की आवाज को फॉलो करते हुए योगाभ्यास करने लगे. इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि थके शरीर और टूटे मन से सपने नहीं सजाए जा सकते हैं. 

प्रधानमंत्री ने झारखंड में बोली जाने वाली भाषा छोटानागपुरी में अपना संबोधन शुरू करने के बाद कहा कि योग को दैनिक जीवन में आत्मसात कर लोग स्वस्थ रह सकते हैं. उन्होंने कहा कि रांची में ही इस तरह का आयोजन करना और उनके शामिल होने के पीछे 3 वजह हैं. उसमें सबसे बड़ी वजह यह है कि झारखंड अपने नाम के अनुरूप प्रकृति के काफी करीब है. दूसरी वजह है दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजना आयुष्मान योजना की शुरुआत यहीं से हुई थी और तीसरी वजह यह है की योग को अभियान के रूप में एक अलग स्तर पर ले जाना है. 

उन्होंने कहा कि योग अभी भी देश के ग्रामीण इलाकों तक सही ढंग से नहीं पहुंच पाया है. योग देश में हमेशा से संस्कृति का हिस्सा रहा है और अब ड्राइंग रूम से लेकर बोर्डरूम तक उसकी पहुंच हो रही है. 

उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल में उनकी सरकार ने इसे प्रीवेंटिव हेल्थ केयर बनाने की कोशिश की है और इसे हेल्थ से वैलनेस के तरफ ले जाने की कोशिश की है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि खुशी की बात यह है कि युवा पीढ़ी इस पुरातन पद्धति को आधुनिकता के साथ जोड़ रही है. उनके इनोवेटिव और क्रिएटिव आइडिया से योग जीवंत हो गया है. 

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार योग फॉर हार्ट केयर थीम बनाया गया है, इसकी सबसे बड़ी वजह है कि हार्ट की समस्या एक चुनौती के रूप में उभर रही है. योगासन और प्राणायाम शुरू करने से पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि पानी, पोषण, पर्यावरण और परिश्रम के ऐसे 4 'प' है, जो परिणाम देते हैं. ऐसे में इन्हें दैनिक जीवन में अपनाना बहुत जरूरी है. 

उन्होंने कहा कि झारखंड में देवघर का रिखिया आश्रम हो या रांची के योगदा सत्संग. वैसे संस्थान भी हार्ट केयर को थीम बनाकर काम करें. उन्होंने कहा कि बीमारी गरीब को और गरीब बनाती है और योग से बीमारियां नहीं होती हैं. ऐसे में योग की स्थापना का मतलब गरीबी और बीमारी से निकलना है. उन्होंने कहा कि दवाइयां और सर्जरी समाधान नहीं है. मौजूदा समय में 'इलनेस के साथ वैलनेस' पर अधिक फोकस होना जरूरी है. 

राज्यपाल और राज्य के मंत्री, विधायक और अधिकारी हुए शामिल

इस मौके पर राज्य की गवर्नर द्रौपदी मुर्मू और हेल्थ मिनिस्टर रामचन्द्र चंद्रवंशी समेत वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे. इस मौके पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा राज्य में अभी 340 सेंटर चल रहे हैं जहां योग सिखाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि योग से झारखंड का पुराना रिश्ता रहा है. यहां की जनजाति समाज चाहे वह संथाली हो, मुंडा हो या फिर उरांव उन्होंने अपने दैनिक जीवन से लेकर किसी न किसी रूप में योग को अपना कर रखा है. वहीं, योगासन की क्रियाएं खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री अचानक सेना के जवानों के उस ब्लाक से निकलकर आम लोगों की ओर बढ़ गए.

प्रधानमंत्री को अपनी ओर आता देख लोग उत्साह से झूमने लगे. कोई सेल्फी लेने को बेताब था तो कोई स्पर्श के लिए. प्रधानमंत्री लोगों के बीच घूमते रहे और हाथ मिलाते हुए उनका अभिवादन भी स्वीकार करते रहे. वहीं, जिन जवानों के साथ प्रधानमंत्री ने योगासन किया था, वे सेना के जवान बेहद खुश थे. जवानों ने बताया है कि उन लोगों ने अब तक अपने प्रधानमंत्री को टीवी पर देखा था और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर पहली बार इतने करीब से उनको देखकर बेहद खुशी हुई. इस यादगार लम्हें को लोगों ने अपने-अपने तरीके से बयां किया. 

प्रधानमंत्री के सेना के जवानों के बीच जाने के सवालों पर लोगों का कहना है कि चूंकि सेना के जवान जो कठिन हालात और विपरीत परिस्थितियों में सियाचिन बॉर्डर पर सेवा दे चुके हैं या फिर वैसे दुर्गम बॉर्डर इलाकों में सेवा दे चुके हैं, जहां से दुश्मन घुसपैठ करने की कोशिश करते रहते हैं, उनकी हौसला आफजाई के उद्देश्य से प्रधानमंत्री उनके बीच जाकर योग करना उचित समझा. 

जानकारों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने सेना के जवानों के बीच बैठकर योगाभ्यास के जरिए दुश्मन देश के साथ-साथ पूरी दुनिया को अपनी सेना की ताकत और सेना के प्रति विश्वास दिखाने की कोशिश की है. प्रधानमंत्री ने बिना कुछ कहे दुनिया को यह संदेश दे दिया की भारतीय फौज कितनी अनुशासित है. संभव है कि प्रधानमंत्री ने दुश्मन देश को अपने इस रुख से यह बताने की कोशिश की है कि भारतीय फौज धैर्यवान है. इसके साथ ही हर विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए सक्षम है और पूरा देश भारतीय सेना के साथ खड़ा है.

Web Title: Jharkhand: Prime Minister Narendra Modi breaks protocol, practiced yoga with army jawans

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