झारखंड में मॉब लिचिंग की घटना पर मंत्री सीपी सिंह का बयान आया है। उन्होंने कहा कि आजकल ऐसी घटनाओं को आरएसएस, बीजेपी, वीएचपी और बजरंग दल से जोड़ देने का ट्रंड चल पड़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार जांच कर रही है लेकिन ऐसी घटनाओं को राजनीतिकरण करना गलत है।
इससे पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख व वरिष्ठ नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर हमला बोला था। उनका कहना है कि इस तरह के मामले रुकने वाले नहीं हैं क्योंकि इन लोगों ने नफरत की भावना बढ़ाई है।
क्या है पूरा मामला?
जमशेदपुर के निकट धतकीडीह में भीड़ की पिटाई का शिकार बने 24 वर्षीय तबरेज अंसारी ने दम तोड़ दिया। मृत युवक की पत्नी शाइस्ता परवीन का आरोप है कि 17 जून की रात उसका शौहर तबरेज अंसारी जमशेदपुर से गांव वापस लौट रहे थे, तभी धातकीडीह गांव में कुछ लोगों ने उन्हें घेर लिया। चोरी का आरोप लगाकर रातभर उन्हें बिजली के पोल से बांध कर रखा। उससे जमकर मारा गया और जय श्री राम व जय हनुमान बोलने के लिए कहा। नहीं बोलने पर बुरी तरह पीटा। सुबह होने पर उन्हें सरायकेला थाने की पुलिस को सौंप दिया।
पत्नी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मारपीट करने वालों पर कार्रवाई की जगह मेरे शौहर को ही चोरी के आरोप में जेल भेज दिया। उन्हें अंदरूनी चोटें भी थीं। इससे रविवार को जेल में ही उनका इंतकाल हो गया। तबरेज अंसारी की पिटाई के समय का वीडियो बनाकर वायरल भी किया गया। शाइस्ता परवीन का निकाह कुछ ही महीने पहले मृतक कदमडीहा गांव के तबरेज़ अंसारी से हुआ था।
पुलिस की सफाई
पुलिस ने सफाई देते हुए कहा है कि धतकीडीह गांव के लोगों ने तबरेज अंसारी को चोरी के आरोप में पकड़ा था। हमने उसका इलाज भी करवाया। उधर, शाइस्ता का कहना था है कि तबरेज सिर्फ 24 साल का था। उनका कत्ल किया गया है।
ओवैसी ने क्या कहा?
असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि मॉब लिचिंग की घटना रुकने वाली नहीं हैं क्योंकि बीजेपी और आरएसएस ने मुसलमानों के खिलाफ नफरत की भावना बढ़ाई है। उन्होंने सफलतापूर्वक एक ऐसी मानसिकता बनाई है जहां मुसलमानों को आतंकवादी, देशद्रोही और गौ-हत्या के रूप में देखा जाता है।