झारखंड: महागठबंधन से अलग एकला चलने की तैयारी में वामदल, CPI का 16 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान
By एस पी सिन्हा | Published: November 7, 2019 01:38 AM2019-11-07T01:38:45+5:302019-11-07T01:38:45+5:30
सीपीआई के राज्य सचिव भुवनेश्वर मेहता ने कहा कि सिर्फ दो दलों के नेता बैठकर महागठबंधन का स्वरूप तय नहीं कर सकते, पर अभी तक यही हो रहा है.
झारखंड में भाजपा के खिलाफ चुनावी जंग में वामदल अब महागठबंधन से अलग एकला चलने की तैयारी में जुट गए हैं. वैसे सीट में हिस्सेदारी के लिए वामदल बातचीत करने को तैयार तो हैं लेकिन सत्ता संग्राम में अकेले ताकत झोंकने की रणनीति बना चुके हैं. भाजपा के खिलाफ मजबूत गठबंधन बनाने में कोताही बरतने का झामुमो और कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए सीपीआई ने 16 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है.
सीपीआई के राज्य सचिव भुवनेश्वर मेहता ने कहा कि सिर्फ दो दलों के नेता बैठकर महागठबंधन का स्वरूप तय नहीं कर सकते, पर अभी तक यही हो रहा है. 25 जुलाई के बाद कोई बैठक नहीं होने का आरोप लगाते हुए सीपीआई राज्य सचिव ने कहा कि उस वक्त सीपीआई ने 6 विधानसभा सीटों की सूची हेमंत सोरेन को सौंपी थी, पर अब वामदलों को महज 5 सीट देने की बात कही जा रही है, जो मंजूर नहीं है. अब वामदल एकला ताल ठोकने को बेचैन हैं. भाकपा माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद के मुताबिक वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में वह महागठबंधन में शामिल होने के लिए तैयार हैं.
नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन की तरफ से उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रण का इंतजार है, लेकिन उनकी पार्टी स्वतंत्र चुनाव लड़ने को भी तैयार है. जबकि सीपीएम के राज्य सचिव गोपी कांत बख्शी ने कहा कि सीपीएम भाजपा के खिलाफ महागठबंधन का हिस्सा बनने का इरादा रखती है. दूसरी तरफ पार्टी की पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात के नेतृत्व में तमाम विधानसभा क्षेत्रों की समीक्षा हो चुकी है. पार्टी इसी हफ्ते विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी रणनीति का ऐलान कर देगी. बख्शी ने यह भी स्पष्ट किया कि वामदल एक दूसरे के खिलाफ नहीं लड़ेंगे. वाम दल के नेताओं को एक दूसरे का समर्थन मिलेगा. मार्क्सवादी समन्वय समिति भी इसी सिद्धांत पर चल रही है.
वहीं, महागठबंधन बनाने के लिए रास्ता बचे होने की बात कहते हुए सीपीआई नेता ने कहा कि अगर बैठक होती है, तो सीपीआई शामिल होगी, पर सम्मानजनक सीट से कम सीपीआई को मंजूर नहीं होगा. सीपीआई ने आज जिन विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करने की घोषणा की है, उसमें छतरपुर, सिमरिया, बडकागांव, भवनाथपुर, रामगढ, बेरमो, मांडू, डुमरी, नाला, बोरियो, कांके, सारठ, जरमुंडी, बरकट्ठा, हजारीबाग और बहरागोडा या घाटशिला सीट शामिल हैं.
उधर, जेएमएम और कांग्रेस में सीट शेयरिंग को लेकर पेच फंस गया है. कांग्रेस 30 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, जबकि झामुमो 28 से ज्यादा देने को तैयार नहीं है. बता दें कि महागठबंधन के तहत जेएमएम को 41 से 44, कांग्रेस को 27 से 30, राजद को 5 से 7 और वामदलों को 5 सीट देने पर विचार चल रहा है. जबकि झाविमो ने अकेले चुनाव लड़ने का घोषणा कर दी है.