झारखंड हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मिली राहत को बरकरार रखा, तत्काल पेश होने से मिली छूट
By एस पी सिन्हा | Published: May 12, 2023 06:50 PM2023-05-12T18:50:10+5:302023-05-12T18:51:42+5:30
झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर टिप्पणी करने के मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मिली राहत को बरकरार रखते हुए उसे 16 मई तक बढ़ा दिया। कोर्ट ने इस मामले की अंतिम सुनवाई की तिथि 16 मई निर्धारित की है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (फाइल फोटो)
रांची: झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर टिप्पणी करने के मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मिली राहत को बरकरार रखते हुए उसे 16 मई तक बढ़ा दिया। कोर्ट ने इस मामले की अंतिम सुनवाई की तिथि 16 मई निर्धारित की है। राहुल गांधी ने रांची की मजिस्ट्रेट कोर्ट की ओर से उनके खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की अपील करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चाईबासा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए भाजपा नेता अमित शाह के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी। झारखंड के भाजपा नेता नवीन झा ने इसको लेकर पिछले साल रांची के सब डिविजनल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में मामला दर्ज कराया था। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
इसके बाद बीजेपी नेता ने रांची के न्यायिक आयुक्त की कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका को स्वीकार करते हुए अदालत ने मामले को वापस मजिस्ट्रेट कोर्ट के पास भेज दिया था। मामले पर सुनवाई करते हुए रांची की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने का नोटिस जारी किया था। जिसके बाद राहुल गांधी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने मजिस्ट्रैट कोर्ट की नोटिस पर रोक लगा दी थी। इस मामले पर आज फिर से हाई कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसके बाद कोर्ट ने राहुल गांधी की राहत को बरकरार रखते हुए मामले पर अगली सुनवाई की तिथि 16 मई निर्धारित की। अब इस मामले पर 16 मई को फिर से सुनवाई होगी।
बता दें कि राहुल गांधी इन दिनों कई कानूनी मामलों में अदालती प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं। मोदी सरनेम केस को लेकर कांग्रेस नेता को सुनाई गई 2 साल की सजा के बाद वह संसद सदस्यता पहले ही गंवा चुके हैं।