झारखंड: निवर्तमान CM रघुवर दास के खिलाफ ST-SC उत्पीड़न के तहत दर्ज हुआ मामला, जाना पड़ सकता है जेल
By एस पी सिन्हा | Published: December 27, 2019 05:55 AM2019-12-27T05:55:44+5:302019-12-27T05:55:44+5:30
इसके बाद हेमंत सोरेन ने रघुवर दास पर जातिसूचक गाली देने का आरोप लगाते हुए 19 दिसंबर को दुमका के एससी-एसटी थाने में आवेदन दिया था. उन्होंने सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई करने की मांग की थी.
झारखंड में सत्ता के बदलते ही पुलिस-प्रशासन का भी रंग बदलने लगा है. विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार और झामुमो की जीत के बाद पुलिस ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ जामताडा-मिहिजाम थाने में एसटी-एससी उत्पीडन के तहत मामला दर्ज किया है.
इस संबंध में मिहिजाम थाना में धारा 504/506 तथा अनुसूचित जाति-जनजाति उत्पीड़न निवारण अधिनियम की धारा 3 (एस) (एस) के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज हुई है. इस मामले में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अरविंद उपाध्याय को जांच अधिकारी बनाया गया है.
इधर, पुलिस अधीक्षक ने रघुवर दास के विवादित भाषण पर एसडीपीओ एवं मिहिजाम थाना प्रभारी से रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने भाषण की सीडी भी तलब की है. कार्यवाहक मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 18 दिसंबर को मिहिजाम के बेसिक स्कूल में जनसभा में लोगों को संबोधित करते हुए सोरेन परिवार के विरुद्ध विवादित बयान दिया था.
इसके बाद हेमंत सोरेन ने रघुवर दास पर जातिसूचक गाली देने का आरोप लगाते हुए 19 दिसंबर को दुमका के एससी-एसटी थाने में आवेदन दिया था. उन्होंने सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई करने की मांग की थी.
पुलिस ने चुनाव परिणाम आने का इंतजार किया. परिणाम झामुमो के पक्ष में आने और हेमंत सोरेन का मुख्यमंत्री बनना तय हो जाने के बाद पुलिस रेस है. भावी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी संख्या 110/19 में चुनावी भाषण में अश्लील भाषा बोलने के आरोप तहत मामला दर्ज किया गया है.
अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निरोधक अधिनियम की धाराओं में केस हुआ है. जामताडा एसडीपीओ अरविंद उपाध्याय को इस केस के अनुसंधान की जवाबदेही दी गई है. झारखंड विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण के चुनाव प्रचार के दौरान 18 दिसंबर को मिहिजाम में सभा हुई थी. हेमंत सोरेन का आरोप है कि उस सभा में रघुवर दास ने जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल करते हुए आपत्ति जनक टिप्पणी की थी.
19 दिसंबर को दुमका मुफस्सिल एससी-एसटी थाना में आवेदन देकर रघुवर दास के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई करने की अनुरोध किया था. दुमका थानाप्रभारी ने उनके आवेदन पर अग्रेतर कार्रवाई के लिए मिहिजाम थाना भेज दिया. आवेदन मिलने के बाद मिहिजाम थानेदार मुकेश कुमार ने तत्काल केस किया.
बताया जाता है कि भारतीय दंड विधान की धारा 504 में शांति भंग करने के इरादे से जानबूझ कर अपमान करने के आरोप में यह धारा लगाई जाती है. इसमें दो साल की सजा और जुर्माना का प्रावधान है. भारतीय दंड विधान की धारा 506 में किसी को धमकी देने के अपराध में यह धारा लगाई जाती है. इसमें भी दो साल के लिए कारावास और आर्थिक दंड का प्रावधान है. जबकि एससी-एसटी एक्ट की धारा 3 के तहत कोई गैर अनुसूचित जाति एवं जनजाति का व्यक्ति किसी अनुसूचित जनजाति के सदस्य को सार्वजनिक तौर पर अपमानित करता है तो उसे दंडित करने का प्रावधान है. दोष साबित होने पर छह माह से उम्र कैद की सजा हो सकती है.
वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि रघुबर दास के खिलाफ प्राथमिकी राजनीतिक प्रतिशोध के तहत दर्ज की गई है. उनके खिलाफ कोई मामला नहीं है. पुलिस, जिसने अभी तक कार्रवाई नहीं की थी, वह अचानक कार्रवाई में आ गई है. ऐसा लग रहा है कि इसके लिए पुलिस पर दवाब बनाया जा रहा है.
इस संबध, में एसपी अंशुमन कुमार ने बताया कि रघुवर दास द्वारा एसडीपीओ से विवादित भाषण देने के मामले की जांच करवायी जा रही है. जांचोपरांत आवश्यक कार्रवायी की जाएगी. जबकि एसडीपीओ अरविंद कुमार उपाध्याय ने बताया कि सुसंगत धाराओं के तहत मिहिजाम थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. प्राथमिकी दर्ज करते हुए मामले की जांच की जा रही है.