झारखंड चुनाव: बीजेपी के सामने दो दर्जन सीटों पर चुनौती, 'अपने' ही खड़ी कर सकते हैं मुश्किल
By अभिषेक पाण्डेय | Published: November 5, 2019 02:25 PM2019-11-05T14:25:55+5:302019-11-05T14:25:55+5:30
Jharkhand Assembly Polls: झारखंड विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को कम से कम दो दर्जन सीटों पर अपनों की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है
झारखंड विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों का ऐलान होने के साथ ही अब सबकी नजर सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट बंटवारे पर लग गई है।
हाल ही में आए महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजों को देखते हुए माना जा रहा है कि बीजेपी झारखंड चुनावों में सीटों के बंटवारे को लेकर फूंक-फूंकर कदम रखेगी। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजेपी को इन चुनावों में कम से कम दो दर्जन सीटों पर अपनों की ही चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
दो दर्जन सीटों पर बीजेपी के सामने भितरघात रोकने की चुनौती
81 विधानसभा सीटों वाले झारखंड में कम से कम 23 सीटें ऐसी हैं, जहां टिकट बंटवारों को लेकर बीजेपी को खासी मशक्कत करनी पड़ सकती है।
वे 23 सीटें जिन पर बीजेपी को अपनों की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है, वे हैं हटिया, बरही, लोहरदहा, बहरागोड़ा, सिमरिया, सारठ, बरकट्टा, लातेहार, तमाड़, चंदनकियारी, सिसई-गुमला, मांडू, भवनाथपुर, डाल्टनगंज, खरसांवा, टूंडी, छतरपुर, बड़कागांव, गढ़वा, टुंडी और कोडरमा और कुछ अन्य सीटें शामिल हैं।
बीजेपी पर दूसरी पार्टी से आए नेताओं को टिकट देने का दबाव
इनमें से ज्यादातर सीटों पर अपने वर्तमान विधायकों और दिग्गजों के अलावा बीजेपी के सामने दूसरी पार्टी से आए नेताओं को भी टिकट देने की चुनौती है, जो बीजेपी में टिकट पाने की उम्मीद में शामिल हो गए हैं और अभी तक पार्टी के लिए काम करने में में जोर लगा रहे हैं, लेकिन टिकट न मिलने पर वह दूसरे विकल्प आजमाने में भी कोताही नहीं बरतेंगे।
इनमें से हटिया, बरही, लोहरदहा, बहरागोड़ा, सिमरिया, सारठ, बरकट्टा, लातेहार, तमाड़, चंदनकियारी, सिसई-गुमला सीटों के विधायक अपनी पार्टी छोड़कर बीजेपी में आए हैं, तो बीजेपी के सामने इन सभी को खुश करने के लिए उन्हें टिकट देने की चुनौती है। वर्ना उनके दूसरी पार्टी का हाथ थामने का खतरा बढ़ जाएगा।
साथ ही इन दो दर्जन सीटों पर खुद बीजेपी के अपने नेताओं को भी टिकट पाने की उम्मीद होगी और टिकट न मिलने की स्थिति में वह पार्टी के खिलाफ भी जा सकते सकते हैं, जिसका खामियाजा बीजेपी को आगामी चुनावों में उठाना पड़ सकता है।
झारखंड में 30 नवंबर से 20 दिसंबर तक पांच चरणों में विधासनभा चुनाव होने हैं, जबकि नतीजे 23 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।