नारायण ने दिया कमलनाथ को झटका, फिर पहुंचे बीजेपी के द्वार, कहा-कांग्रेस में न तो नेतृत्व है और न ही विकास की सोच
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: October 16, 2019 05:53 AM2019-10-16T05:53:31+5:302019-10-16T05:53:31+5:30
मध्यप्रदेश की राजनीति में एक बार फिर मोड़ आया है. झाबुआ में हो रहे उपचुनाव के पहले भाजपा के बागी विधायक नारायण त्रिपाठी को भाजपा फिर से मनाने में सफल हो गई है.
मध्यप्रदेश में भाजपा ने झाबुआ चुनाव से पहले कांग्रेस को करारा झटका दिया है. भाजपा के बागी विधायक नारायण त्रिपाठी मंगलवार (15 अक्टूबर) पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ भाजपा कार्यालय पहुंचे और कहा कि वे भाजपा के थे और भाजपा के हैं एवं रहेंगे.
मध्यप्रदेश की राजनीति में एक बार फिर मोड़ आया है. झाबुआ में हो रहे उपचुनाव के पहले भाजपा के बागी विधायक नारायण त्रिपाठी को भाजपा फिर से मनाने में सफल हो गई है. त्रिपाठी को पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा अपने साथ भाजपा कार्यालय ले गए और उन्होंने मीडिया के सामने स्पष्ट कर दिया कि वे भाजपा के थे और भाजपा के रहेंगे.
त्रिपाठी ने यह दावा भी किया कि भाजपा कभी राज्य में सरकार बना सकती है. उन्होंने सदन में दंड विधि संशोधन विधेयक के दौरान वोटिंग को लेकर कहा कि उस वक्त मैं कन्फ्यूज हो गया था, मैं कभी कांग्रेस में नहीं गया था. त्रिपाठी ने कहा कि कांग्रेस में न तो नेतृत्व है और न ही विकास की कोई सोच.
उन्होंने कहा कि मैहर का विकास ही उनका अपना लक्ष्य है और यही मेरी प्राथमिकता भी है. कांग्रेस से नजदीकी पर उन्होंने कहा जब धारा 370 हटी तो मैंने खुलकर मोदी सरकार का समर्थन किया था. बल्लभ भवन में भी मैंने बोला था कभी भी हम सरकार बना सकते हैं. मैं भाजपा से अलग नहीं हुआ था. त्रिपाठी ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि वे झाबुआ में हो रहे उपचुनाव में प्रचार के लिए जाएंगे और कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करेंगे.
उल्लेखनीय है कि विधानसभा में में दंड विधि संशोधन विधेयक पर मत विभाजन के दौरान भाजपा के दो विधायकों नारायण त्रिपाठी और शरद कौल ने कमलनाथ सरकार के पक्ष में वोटिंग कर सबको चौका दिया था. नारायण त्रिपाठी मैहर से और शरद कोल शहडोल के ब्योहारी से भाजपा विधायक हैं. मत विभाजन के दौरान पार्टी लाइन से हटकर त्रिपाठी ने कांग्रेस का साथ दिया था, इसके बाद डिनर भी हुआ और ऐसा माना जा रहा था कि वे लगभग कांग्रेस में जा चुके हैं.
इस दौरान भी उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ में विश्वास जताया था और कहा था कि वे मैहर के विकास के लिए ऐसा कदम उठा रहे हैं. वहीं कांग्रेस ने भी यह दावा किया था, लेकिन आखिरकार भाजपा ने अपने विधायक को वापस अपने खेमे में लाने में सफलता हासिल की.
हालांकि भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देश पर इस पूरे मामले को डैमेज कंट्रोल करने का प्रयास कर रही थी. इस प्रयास में उसे आज सफलता हासिल हुई है. यही वजह थी कि भाजपा ने अब तक दोनों ही विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं की थी और पार्टी द्वारा यह कहा जा रहा था कि दोनों विधायक भाजपा के साथ हैं.
कई तरह के दिए प्रलोभन
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी को कांग्रेस द्वारा कई तरह के प्रलोभन दिए गए, मगर उन्होंने सारे प्रलोभनों को ठोकर मारते हुए यह सिद्ध कर दिया कि भाजपा में उनकी आस्था है. सिंह ने कहा कि वे पूरी निष्ठा के साथ भाजपा के साथ थे और भाजपा के कार्यकर्ता हैं.
नारायण पर पूरा भरोसा
नगरीय विकास मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने नारायण त्रिपाठी के भाजपा कार्यालय जाकर कांग्रेस के खिलाफ बयान देने पर कहा कि उनकी बात नारायण त्रिपाठी से हो गई है. उन्हें पूरा भरोसा है, वे कहीं नहीं जाएंगे.उन्होंने कहा कि त्रिपाठी कांग्रेस के साथ थे और कांग्रेस के साथ रहेंगे.