जम्मू-कश्मीर: सुजंवाना में सेना पर हमला करने वाला जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी ढेर
By भारती द्विवेदी | Published: March 5, 2018 07:42 PM2018-03-05T19:42:42+5:302018-03-05T19:42:42+5:30
जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी वकास के पास बम बनाने का सामान और हथियार बरामद किया गया है।
नई दिल्ली, 5 मार्च: जम्मू-कश्मीर के अवंतीपोरा में जैश-ए-मोहम्मद का एक वकास आतंकी मारा गया है। कश्मीर के आईजी एसपी पनी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा है कि वकास कई आतंकी हमलों का मास्टर माइंड होने के साथ ही सुंजवाना हमले में भी शामिल था। आतंकी वकास के पास बम बनाने का सामान और हथियार बरामद किया गया है।
Waqas, operation commander of JeM, eliminated in Awantipora. He was mastermind behind several terrorist attacks on security forces including Sunjuwan attack. Weapons & incriminating materials like IED preparation material recovered. He is a foreign terrorist: SP Pani, IG Kashmir pic.twitter.com/obVOuXHMGE
— ANI (@ANI) March 5, 2018
वहीं दूसरी तरफ कश्मीर घाटी में सोमवार को लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध और इंटरनेट सेवाओं पर रोक के बावजूद कुछ बंदूकधारी समेत सैकड़ों की संख्या में लोग रविवार को मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी के जनाजे में उमड़ पड़े। दक्षिण कश्मीर के एक गांव में रविवार शाम को मुठभेड़ में दो आतंकवादियों समेत छह लोगों की मौत हो गई थी। दक्षिण कश्मीर के शोपियां में लोगों ने अपने घरों से निकलकर घटना के विरोध में पथराव किया और इस दौरान लोगों और जवानों के बीच कई बार झड़प भी हुई।
सुरक्षाबलों का कहना है कि मारे गए लोग आतंकवादी या आतंकियों के ओवर ग्राउंड वर्कर्स थे जबकि अलगाववादी नेताओं और स्थानीय लोगों का कहना है कि इनमें से चार स्थानीय नागरिक थे। रविवार को मुठभेड़ उस समय शुरू हुई, जब कार में सवार एक आतंकवादी ने शोपियां जिले के पहनू गांव में सेना के मोबाइल चेकपोस्ट पर हमला कर दिया।
पुलिस ने बताया कि रविवार रात को चार लोगों के मरने की पुष्टि की गई जबकि सोमवार सुबह दो और शव बरामद किए गए। पुलिस के मुताबिक, उसे गोलीबारी स्थल से छह किलोमीटर दूर शोपियां के सैदपोरा क्षेत्र से लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी आशिक हुसैन भट का गोलियों से छलनी शव मिला है। वह 13 नवंबर, 2017 से लापता था।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "शुरुआती जांच में पता चला है कि भट की मौत पहनू गांव में रविवार को मुठभेड़ की वजह से हुई है। जांच जारी है।" मुठभेड़ स्थल से करीब 250 मीटर की दूरी पर सोमवार सुबह एक अन्य स्थानीय नागरिक गौहर अहमद लोन (24) का शव भी बरामद किया गया।
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वह शोपियां में गोलीबारी के बीच में फंस जाने से हुई नागरिकों की मौत से दुखी हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक ने इन मौतों के विरोध में घाटी में बंद और प्रदर्शनों का आह्वान किया।
प्रशासन ने अलगाववादियों द्वारा आहूत बंद के बीच सड़कों पर प्रदर्शनों की आशंका के मद्देनजर श्रीनगर के कुछ हिस्सों और दक्षिण कश्मीर में प्रतिबंध लगा दिया है। दक्षिण कश्मीर में इंटरनेट सेवा को स्थगित कर दिया गया है और घाटी में अन्य जगहों पर इंटरनेट गति को कम कर दिया गया है। राज्य लोक सेवा आयोग ने सोमवार को होने वाली सिविल सर्विसेज की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही सोमवार को होने वाली बोर्ड और विश्वविद्यालयों की परिक्षाओं को रद्द कर दिया गया।
लश्कर कमांडर अशिक हुसैन भट के जनाजे में भाग लेने के लिए शोपियां जिले के कापरान गांव में लोग एकत्रित हुए। भट की नमाज-ए-जनाजा में लगभग छह आतंकवादियों को भी शामिल होते देखा गया। आतंकवादियों ने अपने मृतक सहयोगी के सम्मान में हवा में फायरिंग भी की। घटना के विरोध में अनंतनाग और पुलवामा जिले, उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले, मध्य कश्मीर के बडगाम में प्रदर्शन हुए, जहां दौरान युवकों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पें हुईं।
जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक को सोमवार को इन मौतों के विरोध में निकाले गए मार्च के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने मलिक के विरोध मार्च को रोका और उन्हें और उनके कुछ समर्थकों को हिरासत में ले लिया। मलिक ने मीडिया को बताया, "नागरिकों की मौत के लिए राज्य के तमाम विधायक जिम्मेदार हैं। सेना को खुली छूट दी गई है क्योंकि राज्य के तथाकथित हुक्मरान सशस्त्रबल विशेषाधिकार अधिनियम (अफ्सपा) को हटाने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं।"