जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विवेक पर सवाल उठाए जाने से गरमाई सियासत
By एस पी सिन्हा | Published: October 29, 2022 04:32 PM2022-10-29T16:32:18+5:302022-10-29T16:32:18+5:30
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले पर सवाल उठा दिए जाने के बाद सियासी गलियारे में चटकारे लिए जाने लगे हैं।
पटना: बिहार विधानसभा की दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर राजनीति गरम है। भाजपा और महागठबंधन के नेता लगातार एक दूसरे पर हमला बोल रहे हैं। इस बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले पर सवाल उठा दिये जाने के बाद सियासी गलियारे में चटकारे लिये जाने लगे हैं।
दरअसल, गोपालगंज में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ललन सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ही फैसले को गलत ठहरा दिया था।
चुनावी मंच से ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने साल 2017 में एक गलत फैसला किया था, उस गलत फैसले को अब उन्होंने सुधार लिया है। नीतीश कुमार भाजपा के खेल में फंस गए थे और उनसे गलत फैसला हो गया।
उन्होंने कहा कि 2015 में महागठबंधन की भारी जीत हुई थी, इसके बावजूद केंद्रीय एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल कर भाजपा ने नीतीश कुमार पर दबाव बनाया और उनसे गलत फैसला दिया। 2017 में गठबंधन तोड़ने का फैसला गलत था और अब इस गलत फैसले को ठीक कर लिया गया है। भाजपा का साथ छोड़ने का नीतीश कुमार का कदम बिल्कुल सही है। ललन सिंह के इस बयान पर सियासत गरमा गई है। जानकारों का मानना है कि ललन सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ही विवेक पर सवाल उठा दिया है।
कहा जा रहा है कि उस वक्त नीतीश कुमार अगर फैसला गलत ले रहे थे तो ललन सिंह मंत्री रहते हुए उन्हें ऐसा करने से क्यों नहीं रोका, जबकि उस वक्त भी वह नीतीश कुमार के उतना ही करीब थे, जितना आज हैं। फिर आज नीतीश कुमार के विवेक-बुद्धि पर सवाल उठाये जाने के पीछे कारण क्या है? अगर केन्द्र सरकार उस वक्त केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग कर रही थीं तो बतौर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका विरोध क्यों नही किया था। इस तरह की कई सवाल सियासी गलियारे में उठाये जाने लगे हैं।