जदयू ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी से काटा हरिवंश का पत्ता, पार्टी के 98 नेताओं को मिली जगह
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 24, 2023 01:02 PM2023-08-24T13:02:52+5:302023-08-24T13:08:34+5:30
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की है, जिसमें जदयू सांसद और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश का नाम नदारद है।
पटना: बिहार में सत्ता की अगुवाई कर रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने 2024 0के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी की 98 सदस्यीय नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी बनाई है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने बीते बुधवार को नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की।
इस मामले में सबसे दिलचस्प जानकारी यह है कि जदयू की ओर से जारी की गई राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की सूची में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश का नाम नदारद है। हरिवंश को छोड़कर संसद के दोनों सदनों में वर्तमान सदस्यों और बिहार की नीतीश कैबिनेट में शामिल पार्टी के सभी मंत्रियों को रखा गया है।
(1/2) जनता दल (यूनाइटेड) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के नवनियुक्त सभी पदाधिकारियों को हार्दिक बधाई।#JDU#Bihar#NitishKumar#BiharModel#NitishModelpic.twitter.com/Tf5qQUJGH4
— Janata Dal (United) (@Jduonline) August 23, 2023
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की ओर से जारी सूची में मुख्यमंत्री एवं पार्टी के सर्वोच्च नेता नीतीश कुमार का नाम सबसे ऊपर रखा गया है। ललन के अलावा सूची में अन्य प्रमुख नामों में अनुभवी समाजवादी के सी त्यागी का भी नाम शामिल है।
वहीं सूची में शामिल किए गए सदस्यों की बात करें तो उसमें अन्य राज्यों के अध्यक्ष जैसे पश्चिम बंगाल, झारखंड के अलावा जम्मू-कश्मीर, पंजाब, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे कई अन्य प्रदेशों के नेता शामिल हैं।
इस संबंध में जदयू के एक नेता ने कहा, ''पार्टी के सभी सांसद राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदेन सदस्य हैं लेकिन इसमें राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश का नाम नहीं है।"
अगर जदयू के सभी सांसदों की बात की जाए तो लोकसभा में पार्टी के 16 सांसद हैं, जबकि राज्यसभा में हरिवंश समेत कुल सांसद हैं। खबरों के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जदयू सांसद और उपसभापति हरिवंश से मनासून सत्र के दौरान दिल्ली सेवा विधेयक पर राज्यसभा में हुई वोटिंग की घटना से नाराज चल रहे हैं।
मालूम हो कि दिल्ली सेवा विधेयक पर राज्यसभा में हुई वोटिंग के दौरान जदयू सांसद और उपसभापति हरिवंश अपने आसन पर नजर आए थे। इसके कारण वह पार्टी की ओर से जारी किये गये व्हिप और मोदी सरकार के विरोध में मतदान करने से बच गए थे। जदयू सूत्रों ने उस वक्त कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जदयू सांसद हरिवंश के उस व्यवहार से बेहद नाराज थे।
पार्टी ने पहली बार उन्हें व्हिप जारी कर विधेयक के विरोध में वोट देने का निर्देश दिया था। जदयू नेताओं का साफ कहना था कि विधेयक पर पार्टी का साथ देने की बजाय वो सत्ता के पाले में चले गये। इससे भले ही उनके खिलाफ व्हिप के उल्लंघन के मामले में कार्रवाई नहीं हो सकती, मगर ऐसा करके हरिवंश ने मोदी सरकार के प्रति अपनी निष्ठा स्पष्ट कर दी है।
इसके अलावा नई संसद के उद्घाटन के समय भी महागठबंधन के सभी सांसदों ने समारोह का बहिष्कार किया था लेकिन उस वक्त भी हरिवंश ने पार्टी लाइन से इतर जाते हुए समारोह में शिरकत की थी।