नई दिल्लीः देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आज पुण्यतिथि है। उन्हें हर कोई श्रद्धांजलि दे रहा है। आज ही के दिन 27 मई, 1964 को उनका निधन हुआ था। वह 74 साल के थे। उनके पिता पंडित मोतीलाल नेहरू कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे। नेहरू ने वकालत की पढ़ाई की और उसके बाद महात्मा गांधी के साथ स्वाधीनता संग्राम में कूद गए। वो एक अच्छे राजनेता, वक्ता और लेखक थे। पंडित नेहरू आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। आइए उनके बारे में जानते हैं ये 10 खास बातें...
1-जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर, 1889 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने घर पर निजी शिक्षकों से प्राप्त की। पंद्रह साल की उम्र में वे इंग्लैंड चले गए और हैरो में दो साल रहने के बाद उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया जहां से उन्होंने प्राकृतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
2- जवाहरलाल नेहरू 1912 में भारत लौटने के बाद वे सीधे राजनीति से जुड़ गए। यहां तक कि छात्र जीवन के दौरान भी वे विदेशी हुकूमत के अधीन देशों के स्वतंत्रता संघर्ष में रुचि रखते थे। उन्होंने आयरलैंड में हुए सिनफेन आंदोलन में गहरी रुचि ली थी।
3- नेहरू से 1912 में उन्होंने एक प्रतिनिधि के रूप में बांकीपुर सम्मेलन में भाग लिया और 1919 में इलाहाबाद के होम रूल लीग के सचिव बने। 1916 में वे महात्मा गांधी से पहली बार मिले जिनसे वे काफी प्रेरित हुए।
4- उन्होंने 1920 में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में पहले किसान मार्च का आयोजन किया। 1920-22 के असहयोग आंदोलन के सिलसिले में उन्हें दो बार जेल भी जाना पड़ा।
5- पंडित नेहरू सितंबर 1923 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव बने। उन्होंने 1926 में इटली, स्विट्जरलैंड, इंग्लैंड, बेल्जियम, जर्मनी और रूस का दौरा किया।
6- 1926 में, मद्रास कांग्रेस में कांग्रेस को आजादी के लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध करने में नेहरू की एक महत्वपूर्ण भूमिका थी। 1928 में लखनऊ में साइमन कमीशन के खिलाफ एक जुलूस का नेतृत्व करते हुए उन पर लाठी चार्ज किया गया था। 1928 में उन्होंने 'भारतीय स्वतंत्रता लीग' की स्थापना की और इसके महासचिव बने।
7- नेहरू को 1930-35 के दौरान नमक सत्याग्रह एवं कांग्रेस के अन्य आंदोलनों के कारण कई बार जेल जाना पड़ा। उन्होंने 14 फरवरी 1935 को अल्मोड़ा जेल में अपनी ‘आत्मकथा’ का लेखन कार्य पूर्ण किया।
8- पंडित नेहरू ने भारत को युद्ध में भाग लेने के लिए मजबूर करने का विरोध करते हुए व्यक्तिगत सत्याग्रह किया, जिसके कारण 31 अक्टूबर 1940 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें दिसंबर 1941 में अन्य नेताओं के साथ जेल से मुक्त कर दिया गया।
9- जवाहरलाल नेहरू अपने जीवन में वे नौ बार जेल गए। जनवरी 1945 में अपनी रिहाई के बाद उन्होंने राजद्रोह का आरोप झेल रहे आईएनए के अधिकारियों एवं व्यक्तियों का कानूनी बचाव किया। मार्च 1946 में पंडित नेहरू ने दक्षिण-पूर्व एशिया का दौरा किया।
10- भारत को आजादी मिलने के बाद 1947 में भावी प्रधानमंत्री के लिए कांग्रेस में मतदान हुआ था। इस मतदान में सरदार पटेल को सर्वाधिक मत मिले थे। इसके बाद सर्वाधिक मत आचार्य कृपलानी को मिले थे। लेकिन गांधीजी के कहने पर सरदार पटेल और आचार्य कृपलानी ने अपना नाम वापस ले लिया था और जवाहरलाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री बने थे।