जन औषधि केंद्रों ने कोविड-19 महामारी के दौरान जरूरी सेवाएं मुहैया करायीं : हर्षवर्धन

By भाषा | Published: March 7, 2021 08:32 PM2021-03-07T20:32:02+5:302021-03-07T20:32:02+5:30

Jan Aushadhi Centers provided essential services during Kovid-19 epidemic: Harsh Vardhan | जन औषधि केंद्रों ने कोविड-19 महामारी के दौरान जरूरी सेवाएं मुहैया करायीं : हर्षवर्धन

जन औषधि केंद्रों ने कोविड-19 महामारी के दौरान जरूरी सेवाएं मुहैया करायीं : हर्षवर्धन

नयी दिल्ली, सात मार्च केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने रविवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान जनऔषधि केंद्रों ने जरूरी सेवाएं प्रदान कीं, नियमित कामकाज जारी रखा एवं लोगों को दवाइयां उपलब्ध करायीं जिसके चलते इन केंद्रों पर लॉकडाउन के दौरान बिक्री बढ़ गयी।

हर्षवर्द्धन का यह बयान ऐसे दिन आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिलांग में पूर्वोत्तर इंदिरा गांधी क्षेत्रीय स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विज्ञान संस्थान में 7,500वां जन औषधि केंद्र वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये राष्ट्र को समर्पित किया।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 7 मार्च, 2019 को प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की थी कि जेनरिक दवाओं की पहुंच बढ़ाने और उसे प्रोत्साहित करने के लिए हर साल 7 मार्च को जन औषधि दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

हर्षवर्धन ने इस अवसर पर यहां दीप बाजार में एक जनऔषधि केंद्र का उद्घाटन करने के बाद जानकारी दी कि एक मार्च से शुरू होने वाले 'जन औषधि सप्ताह' का आज समापन है। उन्होंने कहा कि इस सप्ताह के दौरान मेडिकल शिविर आयोजित किये गए, सैनीटरी नैपकीन वितरित की गईं और जागरूकता रैलियां निकाली गईं।

मंत्रालय ने कहा कि इस वर्ष की जन औषधि दिवस का विषय ‘सेवा भी- रोज़गार भी’ था, जिसका उद्देश्य समाज के सभी वर्गों के लिए गुणवत्तापूर्ण दवाओं की सुनिश्चित पहुंच के साथ-साथ फार्मासिस्ट को मिलने वाले रोजगार पर प्रकाश डालना था।

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) की अब तक की यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘योजना के पहले छह वर्षों में अर्थात 2008 से 2014 तक केवल 86 स्टोर ही खोले गए थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगले छह वर्षों (2020 तक) में स्टोर की संख्या बढ़कर 7,300 हो गई है। देश के प्रत्येक जिले को इसमें शामिल किया गया है। आज, 7 मार्च 2021 को हमने 7500वां केंद्र शुरू किया। 2024 तक इन स्टोर की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।’’

हर्षवर्धन ने कोविड-19 महामारी के दौरान जेनेरिक दवा दुकानों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और उसकी सराहना की।

लोगों पर जन औषधि केंद्रों के प्रभाव और कई लोगों के लिए आय के स्रोत के रूप में उनकी भूमिका पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लगभग ‘‘एक से 1.25 करोड़ लोग हर महीने जन औषधि केंद्रों से दवाएं ले रहे हैं।’’

हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘15,000 से अधिक व्यक्ति वितरक और गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं जैसे साजोसामान साझेदारों के साथ पीएमबीजेपीके में विभिन्न स्तरों पर सीधे काम पर लगे हैं। यह भी गौरतलब है कि महिला उद्यमियों / फार्मासिस्ट द्वारा 1,000 से अधिक केंद्र चलाए जाते हैं।’’

उन्होंने इस वर्ष के दौरान पीएमबीजेपीके को और मजबूत करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहरायी।

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