दादा की लाश पर बैठे पोते की तस्वीरों वायरल होते ही बढ़ा विवाद, निष्पक्ष जांच की मांग, परिवार ने आरोप लगाया ‘हत्या’ का
By सुरेश एस डुग्गर | Published: July 2, 2020 05:30 PM2020-07-02T17:30:42+5:302020-07-02T17:30:42+5:30
दिवंगत के परिजन आरोप लगा रहे हें कि सुरक्षाबलों ने आतंकी हमले में अपने साथी की मौत के बाद गुस्से में आकर कार से उसे बाहर निकाला और गोली मार दी। पुलिस इससे इंकार करती है।
जम्मूः सोपोर में दादा की मौत के बाद उसके तीन साल के पोते के लाश पर बैठ कर विलाप करने की तस्वीरों और वीडियो के वायरल होने के बाद कश्मीर में इस मामले पर विवाद बढ़ गया है।
पैदा हुए बवाल के बीच चारों ओर से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग भी की जाने लगी है क्योंकि परिवार ने आरोप लगाया है कि दादा की हत्या पुलिस ने उस समय ‘हत्या’ कर दी जब उनका एक साथी आतंकी हमले में मारा गया था। मामले पर पीडीपी के नेता नजीर यत्तु ने कहा कि सोपोर में आतंकी हमला होता है। उसमें एक सीआरपीएफ जवान के अलावा एक नागरिक की मौत होती है।
यह घटना अत्यंत निंदनीय है, लेकिन कई सवाल भी पैदा करती है। एक बच्चा अपने दादा की लाश पर बैठा है। दिवंगत के परिजन आरोप लगा रहे हें कि सुरक्षाबलों ने आतंकी हमले में अपने साथी की मौत के बाद गुस्से में आकर कार से उसे बाहर निकाला और गोली मार दी। पुलिस इससे इंकार करती है। सच्चाई क्या है, यह सामने आनी चाहिए और इसके लिए एक निष्पक्ष और समयबद्ध जांच होनी चाहिए।
जानकारी के लिए तीन साल का अयाद कश्मीर में बीते 30 साल से आजादी के नाम पर जारी खून खराबे की त्रासदी का नया भुक्तभोगी है। उसकी ही जिद पर उसके दादा बशीर अहमद उसे अपने साथ सोपोर अपने काम पर लेकर निकले थे। बशीर अहमद पेशे से ठेकेदार थे।
सोपोर के माडल टाउन में आतंकियों ने सीआरपीएफ के जवानों की नाका पार्टी पर हमला कर दिया
इसी बीच, सोपोर के माडल टाउन में आतंकियों ने सीआरपीएफ के जवानों की नाका पार्टी पर हमला कर दिया। पुलिस के बयान के अनुसार, बशीर कार को वहीं सड़क पर छोड़ किसी तरह अयाद को उठाए सुरक्षित स्थान की तरफ भागे। तभी आतंकियों की गोलियों ने बशीर के शरीर को छलनी कर दिया।
पर परिवार कहता है कि बशीर अहमद को गोली मारने के बाद सड़क पर डाल दिया गया था। ट्विटर पर अपलोड की गई एक वीडियो में भी तीन साल का अयाद घटना की जानकारी देते हुए कहता है कि बड़े पापा को पुलिस ने गोली मार दी धायं-धायं। ऐसे विवादास्पद बयानों के बाद बशीर की मौत से पर्दा उठाने की मांग प्रबल हुई है।
सोपोर में नागरिक की मौत को लेकर यहां विभिन्न प्रकार के सवाल उठाए जा रहे हैं
नेकां के प्रवक्ता इमरान नबी डार ने कहा कि सोपोर में नागरिक की मौत को लेकर यहां विभिन्न प्रकार के सवाल उठाए जा रहे हैं। इन सवालों से सुरक्षाबलों की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंच रहा है। इसलिए प्रदेश प्रशासन को सोपोर हमले में नागरिक की मौत की सच्चाई का पता लगाने और सभी तथ्यों को सार्वजनिक करना चाहिए। इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए।
जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति के नेता जीएन मोंगा ने कहा कि यहां कोई आतंकी हिंसा को जायज नहीं ठहराता। हम सभी आतंकियों के खिलाफ हैं। लेकिन सोपोर हमले में एचएमटी के रहने वाले बशीर अहमद की मौत को लेकर कई तरह की बातें सामने आयी हैं।
इससे लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। इसलिए पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए ताकि एक आम शहरी की मौत के लिए जिम्मेदार तत्वों को चिन्हित किया जा सके। जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के सोपोर में आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा इसमें एक नागरिक की मौत को लेकर कई तरह की बातें हो रही है। परस्पर विरोधी दावे किए जा रहे हैं। दिवंगत के परिजनों ने भी कहा है कि उसे कार से बाहर निकालकर गोली मारी गई है। इसलिए इस पूरे मामले की एक निष्पक्ष और समयबद्ध जांच होनी चाहिए।