जम्मू-कश्मीर: एलओसी पर घुसपैठ के लिए आतंकी लगातार तलाश रहे हैं नए रास्ते, भारतीय सेना के सामने निपटने की चुनौती
By सुरेश एस डुग्गर | Published: December 30, 2022 02:33 PM2022-12-30T14:33:35+5:302022-12-30T14:36:31+5:30
एलओसी पर गैर सरकारी तौर पर इस साल 88 स्थानों पर हुए 100 के करीब घुसपैठ के प्रयासों में दर्जनों आतंकी मारे गए हैं, लेकिन इन प्रयासों ने भारतीय सेना को परेशान जरूर किया है।
जम्मू: पाकिस्तान की ओर से आतंकियों को इस ओर धकेलने के प्रयासों में आ रही तेजी से ही सिर्फ भारतीय सेना हैरान नहीं है बल्कि घुसपैठियों द्वारा अपनाई गई नई नीतिओं, अपनाए गए नए रास्तों और साथ में लाए जाने वाले भारी भरकम हथियारों ने भी परेशानी खड़ी की है।
सेना सूत्रों के बकौल,‘आतंकियों ने इस साल भी नीतिआं बदली हैं। उनके द्वारा घुसपैठ के लिए अपनाए गए नए रूट और गुटों में आतंकियों की संख्या कम करने की नीति जरूर चौंकाने वाली थी।’
असल में इन सेक्टरों में एक ही स्थान पर से बीस-पच्चीस आतंकियों ने घुसपैठ का प्रयास नहीं किया था बल्कि दो से तीन के गुटों ने अलग अलग सीमा चौकिओं का रास्ता ढूंढा था। इसके पीछे की रणनीति अधिक से अधिक भारतीय सैनिकों को उलझाना था। वे इसमें कुछ हद तक आतंकी कामयाब भी रहे थे। तभी तो एलओसी से सटे जंगलों में कई घुसपैठ के प्रयासों को पछाड़ने में पूरा हफ्ता इसलिए लगा था क्योंकि घुसपैठ करने में कामयाब रहने वाले आतंकियों से मुकाबला होता रहा था।
भारतीय जवानों के समक्ष मुश्किल यह आई थी कि एक तो आतंकियों ने दुर्गम क्षेत्रों का चुनाव किया था तो दूसरा वे बिखरे हुए थे जबकि एक नया बदलाव घुसपैठ में यह आया था कि आतंकी अब अपने साथ बड़े हथियार भी ला रहे हैं।
दरअसल जम्मू कश्मीर को पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर से बांटने वाली एलओसी पर गैर सरकारी तौर पर इस साल 88 स्थानों पर हुए एक सौ के करीब घुसपैठ के प्रयासों में हालांकि दर्जनों आतंकी मारे भी गए लेकिन इन प्रयासों ने भारतीय सेना को परेशान जरूर किया है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि घुसपैठियों ने इस बार नए रास्तों का चयन कर घुसपैठ के प्रयास किए थे।
घुसपैठियों को पाक सेना ने त्रेहगाम, पीर पंजाल तथा केरन सेक्टर के जिन इलाकों से इस ओर धकेला था वहां पर तैनात सैनिकों के लिए परेशानी यह थी कि वे पहली बार घुसपैठ के प्रयास का सामना कर रहे थे। यही कारण था कि आतंकियों द्वारा किए गए हमले में कुछ जवानों की मौत हो गई थी।
रक्षा सूत्र कहते हैं कि घुसपैठिए मिनी तोपखानों का सहारा लेते रहे हैं। सूत्र कहते हैं कि वे मोर्टार ला रहे हैं और उनसे हमले कर भारतीय सेना की चुनौतियों को बढ़ा रहे हैं।