कैदियों को सभी सुविधाएं मिले, वह भी मनुष्य हैं और सभी मौलिक अधिकारों के हकदार हैं, न्यायमूर्ति अली मोहम्मद मागरे ने कहा

By भाषा | Published: August 31, 2022 02:29 PM2022-08-31T14:29:23+5:302022-08-31T14:31:05+5:30

जम्मू कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अली मोहम्मद मागरे ने जोर देकर कहा कि कैदी भी मनुष्य हैं, और जेल में बंद रहते हुये भी वे सभी मौलिक अधिकारों के हकदार हैं।

jammu kashmir Prisoners should get all facilities they are also human beings and are entitled all fundamental rights said Justice Ali Mohammad Magre | कैदियों को सभी सुविधाएं मिले, वह भी मनुष्य हैं और सभी मौलिक अधिकारों के हकदार हैं, न्यायमूर्ति अली मोहम्मद मागरे ने कहा

जम्मू-कश्मीर की 14 जेलों में 3,629 कैदियों की स्वीकृत क्षमता के मुकाबले 5,148 कैदी हैं, इसलिए जेलों में बंद कैदियों की औसत दर 142 प्रतिशत है।

Highlights जेल में बंद विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदी किसी भी बुनियादी मौलिक अधिकार से वंचित नहीं हो। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आर के गोयल, कारागार महानिदेशक एच के लोहिया तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने शिरकत की।जेलों में बंदियों के लिए उपलब्ध मौजूदा सुविधाओं और निकट अतीत में किए गए सुधारों से अवगत कराया।

श्रीनगरः  जम्मू कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अली मोहम्मद मागरे ने कहा कि कैदियों को सभी बुनियादी सुविधाएं दी जानी चाहिये क्योंकि वह भी मनुष्य हैं और सभी मौलिक अधिकारों के हकदार हैं। न्यायमूर्ति मागरे ने अधिकारियों को आदेश दिया कि वह जेलों में बंद सभी कैदियों को तमाम बुनियादी सुविधा उपलब्ध करवायें।

सरकारी प्रवक्ता ने यहां बताया कि न्यायाधीश ने जोर देकर कहा कि कैदी भी मनुष्य हैं, और जेल में बंद रहते हुये भी वे सभी मौलिक अधिकारों के हकदार हैं। जम्मू कश्मीर विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति मागरे ने एक बैठक की अध्यक्षता करते हुये इस बात को सुनिश्चित करने पर विचार किया कि कैसे जेल में बंद विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदी किसी भी बुनियादी मौलिक अधिकार से वंचित नहीं हो। प्रवक्ता ने बताया कि इस बैठक में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आर के गोयल, कारागार महानिदेशक एच के लोहिया तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने शिरकत की।

उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान, गोयल ने न्यायमूर्ति मागरे को जम्मू-कश्मीर की विभिन्न जेलों में बंदियों के लिए उपलब्ध मौजूदा सुविधाओं और निकट अतीत में किए गए सुधारों से अवगत कराया। प्रवक्ता ने बताया कि उन्हें यह बताया गया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की 14 जेलों में 3,629 कैदियों की स्वीकृत क्षमता के मुकाबले 5,148 कैदी हैं, इसलिए जेलों में बंद कैदियों की औसत दर 142 प्रतिशत है। उन्होंने बताया, न्यायमूर्ति मागरे को यह भी बताया गया कि सरकार जेलों में कैदियों की भीड़ कम करने के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ाने पर विचार कर रही है। 

Web Title: jammu kashmir Prisoners should get all facilities they are also human beings and are entitled all fundamental rights said Justice Ali Mohammad Magre

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