जम्मू-कश्मीर: पुलवामा अटैक में दो और आरोपी गिरफ्तार, कल NIA की विशेष अदालत में पेशी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 6, 2020 08:17 PM2020-03-06T20:17:57+5:302020-03-06T20:23:54+5:30
आरोपियों को कल जम्मू में एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर में पुलवामा अटैक मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उन्हें कल एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। इससे पहले पुलवामा आतंकवादी हमले की जांच में मंगलवार को उस वक्त बड़ी सफलता मिली जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक व्यक्ति और उसकी बेटी को गिरफ्तार किया, जो कथित रूप से इस हमले की साजिश के चश्मदीद हैं।
पिछले वर्ष 14 फरवरी को हुए इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी आदिल अहमद डार ने विस्फोटक से लदी अपनी कार से सीआरपीएफ के काफिले को टक्कर मार दी थी। हमले में 40 जवान मारे गए थे। आदिल का अंतिम वीडियो आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान से जैश-ए-मोहम्मद ने जारी किया था। जांच के दौरान एनआईए को पता चला कि वीडियो दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के हदकीपोरा स्थित एक मकान में शूट हुआ है। यह मकान गिरफ्तार किए गए पिता-पुत्री तारिक अहमद शाह और इंशा जान का है।
National Investigation Agency: NIA arrests two more accused in the Pulwama attack case. They will be produced before the NIA Special Court at Jammu tomorrow. #JammuAndKashmirpic.twitter.com/M8RPSLYKlV
— ANI (@ANI) March 6, 2020
आरोपियों को जम्मू लाकर विशेष अदालत में पेश किया गया जिसने उन्हें 10 दिन के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया। पेशे से ट्रक चालक शाह ने बताया कि आदिल अहमद डार, पाकिस्तानी आतंकवादी और आईईडी बनाने वाले मोहम्मद उमर फारुक, अन्य पाकिस्तानी आतंकवादी कामरान, पुलवामा के रहने वाले जैश के आतंकवादी समीर अहमद डार और पाकिस्तानी आतंकवादी इस्माइल उर्फ इब्राहिम उर्फ अदनान ने उनके मकान का इस्तेमाल किया था। फारुक और कामरान दोनों ही सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे। एनआईए के प्रवक्ता का कहना है कि शाह ने आतंकवादियों को अपने घर में पनाह देकर उनकी मदद की। आतंकवादियों ने उसके घर में ही सीआरपीएफ के काफिले पर हमले की योजना बनायी और फिदायीन (आत्मघाती हमलावर) आदिल अहमद डार की वीडियो बनायी। इस वीडियो को जैश ने पुलवामा हमले के तुरंत बाद जारी किया था।
उन्होंने कहा कि इंशा जान (23) ने भी आतंकवादियों का साथ दिया। साल 2018-19 में 15 से ज्यादा अवसरों पर घर में दो से चार दिन ठहरने के दौरान उन्हें भोजन और अन्य चीजें मुहैया करायीं। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘शुरुआती जांच से पता चला है कि इंशा जान आईईडी बनाने वाले मोहम्मद उमर फारुक के जिंदा रहते हुए टेलीफोन और अन्य सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से लगातार उसके संपर्क में थी।’’ दोनों गिरफ्तारियों ने इस मामले की जांच में नयी जान फूंक दी है क्योंकि हमले में शामिल या उसकी साजिश करने वाले पांच लोगों के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के कारण इसके सभी सिरे बंद हो गए थे।