जम्मू-कश्मीर: पुलिस वालों से जैश-ए-मुहम्मद ने लूटी राइफलें, सबूत के लिए सोशल मीडिया पर शेयर की तस्वीरें
By सुरेश डुग्गर | Published: October 15, 2018 08:06 PM2018-10-15T20:06:10+5:302018-10-15T20:06:10+5:30
बीती रात करीब साढ़े दस बजे के बाद स्वचालित हथियारों से लैस आतंकियों के एक दल ने जिला बड़गाम के अंतर्गत नूरानी कालौनी वाथूरा में रहने वाले पूर्व पुलिस अधिकारी गुलाम मोहम्मद शेख के मकान पर हमला किया था।
श्रीनगर, 15 अक्टूबर: आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने बडगाम में पूर्व पुलिस अधिकारी के घर से हथियार लूट की वारदात की जिम्मेदारी लेते हुए सोशल मीडिया पर दो कार्बाईन राइफलों की तस्वीरें वायरल कर दी हैं। इस बीच, पुलिस ने पूर्व पुलिस अधिकारी के घर पर तैनात संतरी को हिरासत में ले उससे पूछताछ शुरु कर दी है।
बीती रात करीब साढ़े दस बजे के बाद स्वचालित हथियारों से लैस आतंकियों के एक दल ने जिला बड़गाम के अंतर्गत नूरानी कालौनी वाथूरा में रहने वाले पूर्व पुलिस अधिकारी गुलाम मोहम्मद शेख के मकान पर हमला किया था। आतंकियों ने पुलिस अधीक्षक के पद से रिटायर हुए गुलाम मोहम्मद शेख को आबंटित उनके दो अंगरक्षकों की कार्बाइन राइफलें, चार मैगजीन व 140 कारतूस लूट लिए।
संबधित पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पुलिस अधिकारी के दोनों अंगरक्षक हैड कांस्टेबल मुशरक अहमद गिलकार और मोहम्मद अफजल मल्ला दोनों ही घटना के समय मौजूद नहीं थे। वह कथित तौर पर बाहर थे। उन्होंने अपने हथियार गार्द रुम में एक ट्रंक में रखे हुए थे। पूर्व पुलिस अधिकारी के मकान पर उस समय एक ही सुरक्षाकर्मी संतरी डूयटी पर मौजूद था। आतंकियों ने उस पर काबू पा लिया। लेकिन उन्होंने उससे उसकी राइफल नहीं छीनी बल्कि गार्द रुम में गए और वहां से हथियार लेकर फरार हुए।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस पूरे प्रकरण की गहन जांच की जा रही है। पूर्व पुलिस अधिकारी के घर तैनात सभी पुलिसकर्मियों से पूछताछ की जा रही है। इस बीच, आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने पूर्व पुलिस अधिकारी के घर से हथियार लूट की वारदात की जिम्मेदारी लेते हुए दोनों कार्बाईनों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जारी कर दी हैं।
दरअसल गोपालपोरा की नूरानी कॉलोनी में सेवानिवृत्त एसपी गुलाम अहमद शेख के घर आतंकी घुस गए। उन्होंने सुरक्षा में तैनात गार्डों को काबू में कर उनके दो कारबाइन व चार मैगजीन लूट लिए। इसके बाद वे भाग निकले। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने घटना की जानकारी हासिल की। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसी बीच हथियार लूट की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है।
वैसे हथियार लूट की यह पहली घटना नहीं है इससे पहले पिछले महीने उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में सुरक्षाकर्मी से सरकारी हथियार की लूट हुई थी। पूर्व मंत्री व विधायक अब्दुल हक खान के कुपवाड़ा जिले में दौरे के दौरान सुरक्षा ड्यूटी में तैनात एक सुरक्षाकर्मी पर हमला कर आतंकियों ने हथियार लूट लिए थे। लेकिन इस सीमांत जिले में लूट की इस पहली घटना से सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई थी। उस वक्त हथियार लूट की जिम्मेदारी हिजबुल मुजाहिदीन ने ली थी।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों पर दबाव बनाने के लिए राज्य सरकार ने लगभग 30 हजार ऐसे नौजवानों को भर्ती कर रखी है जो सेना और राज्य पुलिस की मदद करते हैं। इन्हीं में से कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गयी है, जैसे-प्रभावशाली लोगों की सुरक्षा की जिम्मेबारी। आतंकवादी इन पुलिकर्मियों को आसानी से अपना निशाना बना लेते हैं। इन दिनों आतंकवादियों ने चिंहित कर कई ऐसे पुलिकर्तियों की भी हत्या की है।
मसलन आतंकवादियों को लगता है कि ये स्थानिय पुलिस उनकी मुखबीरी करते हैं और सेना को आतंकवादियों के गतिविधियों की जानकारी देते हैं, इसलिए आतंकवादी इन पुलिसकर्मियों को आसान शिकार बना रहे हैं। उधर सेना के पास आधुनिक हथियार होता है लेकिन इन पुलिसकर्मियों के पास पुरान हथियार होते हैं आतंकवादियों के लिए वे हथियार भी कामयाब होते हैं। हाल के दिनों में कई राज्य पुलिस विभाग के सुरक्षाकर्मियों से हथियार लूटने की घटना सामने आयी है।