जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल और राहुल गांधी के बीच जबानी जंग जारी, राजभवन ने कांग्रेस अध्यक्ष से कहा- राजनीति न करें
By रामदीप मिश्रा | Published: August 13, 2019 06:50 PM2019-08-13T18:50:26+5:302019-08-13T18:50:26+5:30
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के राज्य की यात्रा पर आने संबंधी आमंत्रण को मंगलवार को स्वीकार कर लिया था और कहा था कि उन्हें विमान की जरूरत नहीं है। इस मामले पर अब फिर से राजभवन की ओर से कहा गया है कि मामले पर राजनीति न की जाए।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मंगलवार (13 अगस्त) को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उस मांग को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने विपक्ष के नेताओं के साथ जम्मू-कश्मीर आने को कहा था। राज्यपाल ने कहा है कि राहुल गांधी इस मामले पर राजनीति न करें।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर राजभवन की ओर से राहुल गांधी के ट्वीट का जवाब दिया गया है। राज्यपाल सत्यपाल मलिक का कहना है कि अगर राहुल गांधाी प्रतिनिधि मंडल के साथ कश्मीर में आते हैं तो परेशानियां बढ़ेंगी। साथ ही साथ वह इस मामले पर राजनीति न करें।
गौरतलब है कि सोमवार को राज्यपाल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जम्मू-कश्मीर आने का न्योता देते हुए कहा था कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के लिए वह विमान भेजेंगे। राज्यपाल की टिप्पणी तब आई जब गांधी ने कहा था राज्य में लोग मर रहे हैं और स्थिति सामान्य नहीं है जैसा कि सरकार दावा कर रही है।
इसके बाद राहुल गांधी ने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के राज्य की यात्रा पर आने संबंधी आमंत्रण को मंगलवार को स्वीकार कर लिया था और कहा था कि उन्हें विमान की जरूरत नहीं है। वह और विपक्ष के अन्य नेता जम्मू-कश्मीर आएंगे। उन्होंने राज्यपाल से लोगों तथा सैनिकों से मुलाकात करने की छूट देने को भी कहा था।
Dear Governor Malik,
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 13, 2019
A delegation of opposition leaders & I will take you up on your gracious invitation to visit J&K and Ladakh.
We won’t need an aircraft but please ensure us the freedom to travel & meet the people, mainstream leaders and our soldiers stationed over there. https://t.co/9VjQUmgu8u
गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा था, ‘‘प्रिय राज्यपाल मलिक, विपक्षी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल और मैं जम्मू-कश्मीर व लद्दाख की यात्रा के आपके गरिमामय न्योते को स्वीकार करते हैं। हमें विमान की जरूरत नहीं है लेकिन कृपा कर यह सुनिश्चित करें कि हमें वहां पर लोगों तक, मुख्यधारा के नेताओं तक और वहां तैनात हमारे जवानों तक जाने तथा उनसे मुलाकात करने की छूट हो।’’