सरकार गिरने के बाद जम्मू-कश्मीर में आज सर्वदलीय बैठक, राज्यपाल करेंगे हालात सुधारने पर चर्चा
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: June 22, 2018 08:41 AM2018-06-22T08:41:50+5:302018-06-22T08:41:50+5:30
जम्मू कश्मीर में पीडीपी और भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन हाल ही में टूट गया है।
जम्मू कश्मीर, 22 जून: जम्मू कश्मीर में पीडीपी और भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन हाल ही में टूट गया है। जिसके बाद अब शुक्रवार को राज्यपाल एनएन वोहरा ने राज्य में राज्यपाल शासन लागू होने के मद्देनजर स्थिति पर चर्चा करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। सभी दलों को इस बैठक में बुलाया गया है। राज्य में बीजेपी-पीडीपी गठबंधन सरकार गिरने के एक दिन बाद जम्मू कश्मीर में बुधवार को राज्यपाल शासन लागू किया गया। बीजेपी ने हाल ही नें
सुरक्षा हालात के बिगड़ने का जिक्र करते हुएपीडीपी के साथ करीब तीन साल पुराना अपना गठबंधन तोड़ दिया।
ऐसे में वोहरा ने राज्यपाल शासन को हटाए जाने की घोषणा होने तक विधानसभा को निलंबित स्थिति में रख दिया है.। मौजूदा विधानसभा का छह साल का कार्यकाल मार्च 2021 में खत्म हो रहा है। राष्ट्रीय पार्टियों की प्रदेश इकाई के प्रमुखों सहित सभी पार्टी प्रमुखों की एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
मंगलवार (19 जून) को भारतीय जनता पार्टी ने पीडीपी के साथ जम्मू कश्मीर के अपने गठबंधन को तोड़ दिया। इस गठबंधन को तोड़ते ही बीजेपी ने 2019 के चुनावों का बिगुल बजा दिया है। खबरों की मानें तो बीजेपी को ये अच्छे से पता है कि अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों का वोट उसने हिस्से में आने वाले नहीं हैं। ऐसे में कश्मीर में सरकार के बल पर वह अपने बाकी के वोटों को नहीं खाना चाहती है।
मुस्लिम बाहुल्य कश्मीर में सरकार में शामिल रहते हुए बीजेपी को अक्सर भीतर और बाहर से हमले झेलने पड़ते थे। ऐसे में अब बीजेपी ने पीडीपी के साथ के रिश्ते को मजबूरी से बाहर निकाल लिया है। अब बीजेपी के लिए 2019 के पास किसी भी तरह की मजबूरी नहीं है।
2019 के लिए एक्शन प्लान
बीजेपी को पता है कि केवल विकास के नाम पर 2019 में जनता वोट नहीं देगी। साथ ही क्षेत्रीय दलों के वोट बैंकों को तोड़ने के लिए जातियों को हिंदू पहचान तक लाना पड़ेगा। जिसके लिए ध्रुवीकरण के ज़रिए ही अपेक्षित वोटों को सुनिश्चित किया जा सकता है।
लेकिन कश्मीर में सरकार में रहते हुए हिंदू हित पर बात करना इतना आसान नहीं होता। बीजेपी ने अब गेम खेलते हुए छोटे से नुकसान को उठाकर 2019 नें बड़े लाभ को उठाने की तैयारी कर ली है। इसकी पुष्टि इस बात से भी हो जाती है कि इस फैसले के लिए बीजेपी ने न तो राज्य में पिछले दिनों अपने तेवर बदले, न विरोध जताया बस समर्थन वापस का ऐलान कर दिया।