जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान घाटी और भारत के कुछ हिस्सों में आतंक फैलाने की कोशिश में लगा हुआ है। इस सिलसिले में वह आतंकवादी समूहों को आगे बढ़ाने में मदद कर रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान की सेना और आईएसआई की मदद से तीन शीर्ष आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) और जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) ने जम्मू और कश्मीर और भारत के कुछ हिस्सों में आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए जिम्मेदारियां बांटी हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, एक दस्तावेज में कहा गया है कि पिछले सप्ताह पुलवामा में बैठक आयोजित की गई थी, जहां तीन आतंकवादी समूहों को उनके आकाओं द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारियों के बारे में जानकारी दी गई थी और यह जिम्मेदारियां आपस में बांटी गई हैं।
दस्तावेज के अनुसार, खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान द्वारा समर्थित इन आतंकी समूहों को घाटी, भारत के कुछ हिस्सों में हमले करने और पुलिसकर्मियों और राजनीतिक नेताओं की हत्या करने के लिए काम सौंपा गया है। JeM को राष्ट्रीय राजमार्ग पर हमले को अंजाम देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। LeT को आंतरिक सुरक्षा ठिकानों पर हमले को करने की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि हिजबुल मुजाहिदीन को बंद कराने और पुलिस व नेताओं की हत्याओं को सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है।
हिजबुल मुजाहिदीन को भी अशांति पैदा करने और स्थानीय लोगों को निशाना बनाने के लिए कहा गया है। इन आतंकवादी संगठनों को घाटी में बंद सुनिश्चित करने और किसी भी सकारात्मक विकास के मामले में हमले करने का काम सौंपा गया है। इस बीच आतंकवादियों की साजिश नाकाम करने के लिए सुरक्षा बलों को मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करने और खुफिया एजेंसियों, स्थानीय पुलिस और भारतीय सेना के साथ लगातार समन्वय बनाने के लिए कहा गया है।