जम्मू-कश्मीर: नशे के खिलाफ मुहिम, ड्रग पेडलर्स और नार्को डीलर्स की संपत्तियां होंगी कुर्क; यूएपीए के तहत मामले दर्ज करने की चेतावनी

By सुरेश एस डुग्गर | Published: March 9, 2023 03:13 PM2023-03-09T15:13:57+5:302023-03-09T15:17:25+5:30

जम्मू-कश्मीर में प्रशासन ने नशे के खिलाफ ज्यादा सख्त कदम उठाने के संकेत दिए हैं। अब उन लोगों के खिलाफ यूएपीए के तहत मामले दर्ज करने की तैयारी है जो नशे के व्यापार में लिप्त हैं।

Jammu Kashmir: Campaign against drugs, properties of drug peddlers and narco dealers will be attached; Warning of cases under UAPA | जम्मू-कश्मीर: नशे के खिलाफ मुहिम, ड्रग पेडलर्स और नार्को डीलर्स की संपत्तियां होंगी कुर्क; यूएपीए के तहत मामले दर्ज करने की चेतावनी

जम्मू-कश्मीर में नशे के खिलाफ मुहिम

जम्मू: जम्मू कश्मीर प्रशासन ने नशे को एक तरह का आतंकवाद घोषित करते हुए अब उन लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानि यूएपीए के तहत मामले दर्ज करने की चेतावनी दी है जो ऐसे व्यापार में लिप्त हैं। साथ ही ड्रग पेडलर्स और नार्को डीलरों की संपत्तियां कुर्क करने का फैसला लिया गया है।

दरअसल पिछले दो माह से नशे के विरूद्ध चल रही मुहिम के बावजूद नशीले पदार्थों की बिक्री और इस्तेमाल में कमी नहीं आने के कारण प्रशासन पुलिस की बैठक में यह निर्णय लिए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि नशा मुक्त समाज बनाने की खातिर ऐसे सख्त कदमों की जरूरत महसूस की जा रही है।

पिछले दो महीनों के दौरान प्रत्येक जिले के जिला मेजिस्ट्रेट द्वारा नशा विरोधी अभियानों की बैठकों की समीक्षाएं की जा रही हैं और इसमें अब यही पाया गया है कि जब तक ड्रग पेडलर्स और नार्को डीलरों की संपत्तियां कुर्क नहीं होंगी और सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी तब तक उनकी मुहिम रंग नहीं दिखा पाएगी।

बताया जाता है कि प्रशासन ने पुलिस के साथ मिलकर अब उन निर्देशों को सख्ती से लागू करने का फैसला किया है जो इन दो महीनों के दौरान होने वाली बैठकों में पारित किए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि जो आदतन ड्रग डीलर हैं या फिर नार्को तस्कर हैं उनकी संपत्तियों को कुर्क किया जाएगा तथा पीएसए व यूएपीए के तहत मामले भी दर्ज किए जाएंगें।

जानकारी के मुताबिक, संदिग्धों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए शिक्षण संस्थानों के बाहर सादे कपड़ों में नशा विरोधी दस्ते तैनात करने का फैसला लिया गया है तथा औषधि नियंत्रण विभाग को औचक निरीक्षण करने के लिए कहा गया है। साथ ही नियमों के उल्लंघन के लिए मेडिकल दुकानों के लाइसेंस निलंबित करने की कार्रवाई के लिए भी निर्देश दिया जा चुका है।

प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि प्रवर्तन एजेंसियां पहले से ही नशीले पदार्थों की तस्करी पर नकेल कस रही हैं और अवैध मादक पदार्थों का वितरण करने वालों को दंडित कर रही हैं। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि केवल मनोचिकित्सक ही मरीजों को वर्जित दवाएं लिख सकते हैं, जबकि दवा नियंत्रण विभाग मेडिकल स्टोर्स पर पर्चे की जांच करेगा।

Web Title: Jammu Kashmir: Campaign against drugs, properties of drug peddlers and narco dealers will be attached; Warning of cases under UAPA

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