Flashback 2019: 40 हजार श्रद्धालुओं ने वैष्णो देवी में साल के आखिरी दिन टेका माथा, फिर भी 2018 का नहीं टूटा रिकॉर्ड 

By सुरेश एस डुग्गर | Published: January 1, 2020 06:29 PM2020-01-01T18:29:00+5:302020-01-01T18:29:00+5:30

जम्मू-कश्मीरः वैष्णों देवी के दर्शनार्थियों की संख्या इस साल बीते वर्ष की तुलना में साढ़े 6 लाख कम रही। पिछले दिनों लगभग 20 से 25 हजार के करीब हर दिन भक्त आ रहे थे।

jammu kashmir: 40 thousand people visits vaishno devi temple on 31st december 2019 | Flashback 2019: 40 हजार श्रद्धालुओं ने वैष्णो देवी में साल के आखिरी दिन टेका माथा, फिर भी 2018 का नहीं टूटा रिकॉर्ड 

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Highlightsदेशभर के श्रद्धालुओं ने माता वैष्णो देवी के दरबार में शीश नवाकर नए साल की शुरूआत की। साल के आखिरी दिन भक्तों का सैलाब उमड़ा। 40 हजार से अधिक भक्तों ने माता के दरबार में माथा टेक कर मनोकामनाएं मांगी।

देशभर के श्रद्धालुओं ने माता वैष्णो देवी के दरबार में शीश नवाकर नए साल की शुरूआत की। साल के आखिरी दिन भक्तों का सैलाब उमड़ा। 40 हजार से अधिक भक्तों ने माता के दरबार में माथा टेक कर मनोकामनाएं मांगी। धर्मनगरी कटड़ा और भवन मार्ग पर मां के जयकारे गूंजते रहे। बच्चे, बूढ़े, महिला, पुरुष सब कड़ाके की ठंड के बाद भी पूरे उत्साह से मां का आशीर्वाद पाने के लिए कतारबद्ध खड़े रहे। 

भारी भीड़ के चलते रातभर लंबी लाइनें लगी रहीं। रास्ते में जगह जगह श्राइन बोर्ड की ओर से अलाव के प्रबंध किए थे। पर बावजूद इसके वैष्णो देवी में साल 2019 में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या साल 2018 का भी रिकार्ड नहीं तोड़ पाई। 2018 में 85 लाख श्रद्धालु आए थे और साल 2019 में 79.5 लाख।

छुट्टियां होने के कारण दिसंबर के आखिरी सप्ताह में 30 से 35 हजार के करीब भक्त प्राकृतिक पिंडियों के समक्ष नमन करने पहुंचे। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते पिछले कुछ दिनों से कटड़ा के सभी होटल पैक चल रहे हैं। जम्मू में भी होटलों में अच्छी बुकिंग है। यहां दर्शन करने वाले ज्यादातर श्रद्धालु पत्नीटाप और आस-पास के पर्यटक स्थलों पर जाने का प्लान बनाकर पहुंच रहे हैं।

वैष्णों के दर्शनार्थियों की संख्या इस साल बीते वर्ष की तुलना में साढ़े 6 लाख कम रही। पिछले दिनों लगभग 20 से 25 हजार के करीब हर दिन भक्त आ रहे थे। दूसरी ओर हर दिन धुंध व कोहरे से बढ़ती ठंड के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट का अनुमान लगाया जा रहा है। वर्ष 2011 व 2012 के बाद लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।

वहीं वर्ष 2018 में 85 लाख, 86 हजार, 541 भक्त दरबार पहुंचे। वर्ष 2017 में 81 लाख, 73 हजार, 316 व 2016 में 77 लाख, 23 हजार, 721, 2015 में 77 लाख, 76 हजार, 604, 2014 में 78 लाख, 03 हजार, 193 और 2013 में 93 लाख, 23 हजार, 647 भक्त दर्शन के लिए दरबार पहुंचे। इसके साथ ही 2012 में एक करोड़ का आंकड़ा पार हुआ था। 1 करोड़, 04 लाख, 95 हजार, 269 व 2011 में 1 करोड़, 01 लाख, 15 हजार, 647 भक्तों ने प्राकृतिक पिंडियों के समक्ष नमन किया, लेकिन वहीं इन दिनों सर्दी के कारण यात्रा में गिरावट दर्ज की गई है।

2019 में आने वालों की संख्या 79.5 लाख थी। साल के आखिरी दिन श्राइन बोर्ड को शायद चमत्कार का इंतजार था जो पिछले साल आने वाले 85 लाख के आंकड़े के रिकार्ड को बदल देगा। अगर आंकड़ों और उम्मीद की बात करें तो यह पिछले साल के आंकड़ो को भी छू नहीं पाया है। वैसे इसके प्रति उम्मीद थी जो टूट गई है। यह उम्मीद वर्ष 2011 के रिकार्ड के टूटने की थी जब श्रद्धालुओं ने सारे रिकार्ड तोड़ते हुए 1.01 करोड़ का नया रिकार्ड बनाया था।

उसके बाद यात्रा हमेश ढलान पर ही रही। कई कारण जिम्मेदार रहे इसके लिए। पहले उत्तराखंड में आने वाली बाढ़ ने पहाड़ों की ओर रूख करने वालों को डरा दिया तो तो उसके अगले साल महंगाई और मंदी ने भी अपना असर दिखाया। साथ ही जम्मू कश्मीर में आई सदी की भयंकर बाढ़ ने सब कुछ धो डाला। अबकी बार धारा 370 को हटाए जाने की कवायद ने सभी उम्मीदांें पर पानी फेर दिया।

इतना जरूर था कि यात्रा के आंकड़ों की उम्मीद लगाने वालों में अगर कटड़ा के व्यापारी भी थे तो यात्रा का जिम्मा संभालने वाला श्राइन बोर्ड भी। हालांकि सुगबुगाहट यह भी है कि वैष्णो देवी गुफा के दर्शनार्थ आने वालों को दर्शनों का कम समय मिलने के कारण भी हजारों श्रद्धालु अब इस तीर्थस्थान से मुख मोढ़ रहे हैं। यह श्राइन बोर्ड की उस कवायद से भी साबित होता था जिसमें उसने यात्रा मैनेजमेंट की खातिर आईआईटी अहमदाबाद से मदद मांगी है।

स्पष्ट शब्दों में कहें तो पिछले चार सालों से वैष्णो देवी आने वालों की संख्या में लगातार गिरावट हो रही है। हालांकि नार्मल रूटीन में 20 से 25 हजार श्रद्धालु प्रतिदिन वैष्णो देवी की यात्रा में शामिल होते रहे हैं पर यह आंकड़ा न ही श्राइन बोर्ड को खुशी दे पा रहा है और न ही उन लोगों को जिनकी रोजी रोटी यात्रा से जुड़ी हुई है। यात्रा में कमी आने से न सिर्फ कटड़ा के व्यापारी ही प्रभावित हुए हैं बल्कि जम्मू के व्यापारियों का भी तेल निकल रहा है। और सर्दियों में यह आंकड़ा घट कर 8 से 10 हजार तक ही पहुंच जाता रहा है।

Web Title: jammu kashmir: 40 thousand people visits vaishno devi temple on 31st december 2019

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