Jammu & Kashmir: जम्मू कश्मीर में पांच सालों में 10 अलगाववादी गुटों पर लगा प्रतिबंध

By सुरेश एस डुग्गर | Published: March 19, 2024 02:41 PM2024-03-19T14:41:02+5:302024-03-19T14:42:36+5:30

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2019 से जम्मू कश्मीर में नौ अलगाववादी समूहों को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम -1967 के तहत गैरकानूनी संघ घोषित किया है।

Jammu & Kashmir: 10 separatist groups banned in Jammu and Kashmir in five years | Jammu & Kashmir: जम्मू कश्मीर में पांच सालों में 10 अलगाववादी गुटों पर लगा प्रतिबंध

Jammu & Kashmir: जम्मू कश्मीर में पांच सालों में 10 अलगाववादी गुटों पर लगा प्रतिबंध

Highlightsपिछले पांच वर्षों में भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर में 10 अलगाववादी समूहों पर प्रतिबंध लगाया हैगृह मंत्रालय ने जम्मू और कश्मीर पीपुल्स के गुटों की पर प्रतिबंध की भी घोषणा की है16 मार्च को ही केंद्र ने फारूक रहमानी की अध्यक्षता वाली जम्मू-कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग पर भी प्रतिबंध लगा दिया

जम्मू: पिछले पांच वर्षों में भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर में 10 अलगाववादी समूहों पर प्रतिबंध लगाया है। उपलब्ध विवरण से पता चलता है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2019 से जम्मू कश्मीर में नौ अलगाववादी समूहों को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम -1967 के तहत गैरकानूनी संघ घोषित किया है। 18 फरवरी, 2019 को, गृह मंत्रालय ने पूरे कश्मीर में उपस्थिति वाले कैडर-आधारित संगठन जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध लगा दिया।

गृह मंत्रालय ने कहा था कि यह संगठन भारत की अखंडता को बाधित करने वाली गतिविधियों में शामिल था। इसके बाद लगभग एक महीने के उपरांत 22 मार्च, 2019 को, गृह मंत्रालय ने जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) को उग्रवाद और उग्रवाद का समर्थन करने और राष्ट्र-विरोधी गतिविधि में शामिल होने के लिए एक गैरकानूनी संठन घोषित किया था।

जम्मू कश्मीर के अलगाववादी गुटों को प्रतिबंधित करने का सिलसिला यहीं नहीं थमा था। फिर 5 अक्तूबर, 2023 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जेल में बंद अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह की जम्मू कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी पर उसकी भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक गतिविधियों के लिए प्रतिबंध लगा दिया।

फिर दो महीने बाद, 28 दिसंबर, 203 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों के लिए मसर्रत आलम के नेतृत्व वाले अलगाववादी संगठन मुस्लिम लीग पर प्रतिबंध लगा दिया। 31 दिसंबर, 2023 को, गृहमंत्रालय ने तहरीक-ए-हुर्रियत पर भी प्रतिबंध लगा दिया, जिसका नेतृत्व पहले दिवंगत अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी कर रहे थे।

यह सिलसिला इस साल भी जारी है। 28 फरवरी, 2024 को गृह मंत्रालय ने एक बार फिर सबसे पहले आतंकी आरोपों को लेकर मुस्लिम कांफ्रेंस जम्मू और कश्मीर (सुमजी गुट) और मुस्लिम कांफ्रेंस जम्मू और कश्मीर (भट गुट) पर प्रतिबंध लगाया। वे 5 अगस्त, 2019 से पहले क्रमशः हुर्रियत (जी) और हुर्रियत (एम) का हिस्सा थे।

इसके उपरांत 12 मार्च, 2024 को सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने, जो अखंडता, देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं, के आरोप में जम्मू और कश्मीर नेशनल फ्रंट पर प्रतिबंध लगा दिया। इस माह की 16 मार्च को भी भारत सरकार ने जम्मू और कश्मीर पीपुल्स लीग (जेकेपीएल) और जम्मू और कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग (जेकेपीएफएल) के चार गुटों पर प्रतिबंध लगा दिया।

केंद्रीय गृहमंत्रालय ने जम्मू और कश्मीर पीपुल्स के गुटों की पर प्रतिबंध की भी घोषणा की है। लीग (जेकेपीएल), जेकेपीएल (मुख्तार अहमद वाजा), जेकेपीएल (बशीर अहमद टोटा), जेकेपीएल (गुलाम मोहम्मद खान /सोपोरी) को जम्मू और कश्मीर पीपुल्स पालिटिकल लीग के रूप में भी जाना जाता है और जेकेपीएल (अजीज शेख) का नेतृत्व याकूब शेख द्वारा किया जाता है। 

अब ये सभी गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम-1967 के तहत गैरकानूनी संगठन बन गए है। 16 मार्च को ही केंद्र ने फारूक रहमानी की अध्यक्षता वाली जम्मू और कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग पर भी प्रतिबंध लगा दिया।

Web Title: Jammu & Kashmir: 10 separatist groups banned in Jammu and Kashmir in five years

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