जम्मू-कश्मीर: पर्यटकों को अपनी ओर खींच रहा ट्यूलिप गार्डन, घाटी में मौसम भी मेहरबान

By सुरेश एस डुग्गर | Published: March 27, 2023 12:55 PM2023-03-27T12:55:14+5:302023-03-27T13:05:23+5:30

पहले ही दिन से ट्यूलिप गार्डन में पर्यटकों के अतिरिक्त स्थानीय लोगों की ही नहीं बल्कि विदेशी टूरिस्टों की भी भीड़ है। अधिकारियों ने कहा कि ट्यूलिप गार्डन में कम से कम 60 माली चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।

Jammu and Kashmir Tulip Garden is attracting tourists the weather in the valley is also kind | जम्मू-कश्मीर: पर्यटकों को अपनी ओर खींच रहा ट्यूलिप गार्डन, घाटी में मौसम भी मेहरबान

फाइल फोटो

Highlightsकरीब 92 हजार टूरिस्ट कल सुबह तक 15 लाख से अधिक फूलों को निहार चुके थे।पहले दिन अगर 11000 के करीब लोगों ने ट्यूलिप गार्डन का दौरा किया तो 25 मार्च को यह संख्या 8 हजार के करीब थी। 19 मार्च को खुलने के बाद अभी तक 92 हजार से अधिक टूरिस्ट इन फूलों का दीदार कर चुके हैं।

श्रीनगर: यह उन पर्यटकों की खुशनसीबी कही जा सकती है जो एशिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन को देखने आ रहे हैं। मौसम की मेहरबानी के कारण फूलों का खिलना अभी भी जारी है, ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार हजारों पर्यटकों द्वारा ट्यूलिप गार्डन में खिले हुए 15 लाख से अधिक फूलों का दीदार जारी है।

आधिकारिक आंकड़ा कहता है कि 19 मार्च को खुलने के बाद अभी तक 92 हजार से अधिक टूरिस्ट इन फूलों का दीदार कर चुके हैं। जिनमें जलकुंभी, डैफोडील्स, मस्करी और साइक्लेमेन के अन्य बसंत के फूल भी शामिल हैं।

पहले ही दिन से ट्यूलिप गार्डन में पर्यटकों के अतिरिक्त स्थानीय लोगों की ही नहीं बल्कि विदेशी टूरिस्टों की भी भीड़ है। अधिकारियों ने कहा कि ट्यूलिप गार्डन में कम से कम 60 माली चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।

ट्यूलिप गार्डन को 36 भूखंडों में विभाजित किया गया है, जिनमें से प्रत्येक में 16-18 स्तर हैं। ट्यूलिप गार्डन के अंदर तीन पार्क भी हैं, जहां आगंतुक बैठ सकते हैं और जबरवान पर्वत श्रृंखला से घिरे रंगों के समुद्र में एक विशाल अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।

विभिन्न छोटे सजावटी पौधे बगीचे की कई उप-गलियों के किनारों को सुशोभित कर रहे हैं। आंकड़े कहते थे कि पहले दिन अगर 11000 के करीब लोगों ने ट्यूलिप गार्डन का दौरा किया तो 25 मार्च को यह संख्या 8 हजार के करीब थी।

करीब 92 हजार टूरिस्ट कल सुबह तक 15 लाख से अधिक फूलों को निहार चुके थे। इनमें 400 से अधिक विदेशी टूरिस्ट भी शामिल थे। फूलों का खिलना भी जारी इसलिए था क्योंकि मौसम में नरमी थी और 31 मार्च तक कश्मीर में अभी कहीं कहीं बारिश और बर्फ की भविष्यवाणी की गई थी।

जानकारी के लिए टयूलिप के साथ कश्मीर के संबंध का इसकी उत्पत्ति सैकड़ों साल पहले से पता चलता है जब फूल घरों की छतों पर उगाए जाते थे। धीरे-धीरे, लोगों ने उन्हें 2005-06 तक किचन गार्डन और फूलों को स्तर में लगाना शुरू कर दिया, जब तत्कालीन राज्य सरकार ने फूलों की विविधता के साथ कश्मीर के ऐतिहासिक संबंधों को ध्यान में रखते हुए सिराज बाग को शाही टयूलिप गार्डन में बदलने का फैसला किया था।

कोरोना के कारण वर्ष 2002 और 2021 में इस पर बुरा प्रभाव पड़ा था। पर कोरोना की पाबंदियों के बावजूद पिछले साल इसे खोला गया तो 3.6 लाख लोग आए थे। जबकि वर्ष 2021 में यह संख्या 2.3 लाख रही थी।

जानकारी के लिए पिछले साल 26 लाख पर्यटक कश्मीरी आए थे और वर्ष 2007 में खुले इस ट्यूलिप गार्डन का दीदार करने वाले पिछले साल 3.6 लाख ही नसीब वाले इसलिए थे क्योंकि गर्मी के बढ़ते ही फूलों का मुरझाना आरंभ हुआ तो इसे बंद कर दिया गया था।

Web Title: Jammu and Kashmir Tulip Garden is attracting tourists the weather in the valley is also kind

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